सेमरीतला सोसायटी का एक ओर कारनामा,मूंग तुलवाने के बाद भी नहीं बनाया महिला कृषक का बिल!
पिपरिया:-कृषक सेवा सहकारी समिति सेमरीतला में बहुत दिनो से भर्राशाही का आलम चल रहा था।ज़िला सहकारी बैंक के अफ़सरों की कृपा से यह कारनामे उजागर नहीं हो पा रहे थे।परंतु अब यंहा के कारनामे उजागर होने लगे है।पहले समर्थन मूल्य पर मूंग ख़रीदीने के नाम पर किसानो से रिश्वत का मामला लोकायुक्त छापे में उजागर हुआ।जिसमें सहायक समिति प्रबंधक सुनीत पुरोहित एवं मज़दूर ठेकेदार को लोकायुक्त ने किसान से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा।वही अब इस सोसायटी का एक ओर बड़ा कारनामा सामने आ रहा है।जिसमें एक महिला कृषक के नाम पर मूंग तो ख़रीदी गई है।परंतु उसको अभी तक बिल नहीं दिया गया है।जिसके चलते अब महिला कृषक के परिजन सोसायटी के चक्कर पिछले एक माह से लगा-लगा कर थक गए है।दरअसल काँठि सुरेला निवासी महिला कृषक माधवी पटेल पति कवींद्र पटेल ने 25 अगस्त को सेमरीतला सोसायटी ख़रीदी केंद्र पर अपनी 20 क्विंटल 50 किलो मूंग तुलवाई थी।जिसके लिए इसे बक़ायदा SMS के माध्यम से बुलाया गया था।तुलाई के बाद किसान को कहा गया की एक-दो दिन में बिल मिल जाएगा परंतु उसके बाद आज तक किसान को बिल नहीं दिया गया है।
बिल के कारण नहीं हो रहा भुगतान
वही महिला कृषक के परिजनों का कहना है की चूँकि सोसायटी ने बिल नहीं बनाया है।इसके चलते उसका मूंग का पैसा अभी तक नहीं आया है।वह कई बार समिति में जा कर पता कर चुके है।वंहा कोई भी संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं दिया जाता है।वही किसान का कहना है की उनके गाँव से सेमरीतला सोसायटी भी 25 किलोमीटर दूर है।ऐसे में अभी तक क़रीब 2 हज़ार का तो पेट्रोल जला चुका है।सूत्रों की माने तो सेमरीतला सोसायटी में मूंग के बिल बनाने के नाम पर भी जम कर भ्रष्टाचार हुआ है।इसमें भी किसानो से वसूली की गई है।
ज़िला सहकारी बैंक में भी नहीं हो रही सुनवाई
महिला कृषक के पति कवींद्र पटेल का कहना है की वह दर्जनो बार ज़िला सहकारी बैंक में ज़िम्मेदार अधिकारियों के पास यह शिकायत ले कर गए है।परंतु उनको कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा रहा है।जबकि यह सोसायटी बैंक के अंतर्गत ही आती है।बैंक में बताया जाता है की ख़रीदी में लगे सुनीत पुरोहित को निलम्बित कर दिया गया है।वही इस मामले को सुलझा सकते है।बैंक की ओर से सभी समितियों की मानिटरिंग के लिए पर्यवेक्षक भी नियुक्त किया गया है।परंतु यह पर्यवेक्षक कभी भी समितियों का दौरा नहीं करते है।यह बैंक में ही बैठ कर समिति प्रबंधको के इशारे पर काम किया करते है।जिसके फलस्वरूप ही सहकारी समितियों में भारी भ्रष्टाचार फ़ैला हुआ है।
किसान का कहना वापिस की जाए मूंग
महिला कृषक के पति कवींद्र का कहना है की हमारे पास तोल पर्ची से लेकर अन्य सभी ज़रूरी काग़ज़ात है परंतु इसके बाद भी एक माह से समिति-बैंक और तहसील के चक्कर काटने पड़ रहे है।हम बहुत परेशान हो चुके है।हमें हमारी मूंग वापिस कर दी जाए हम उसे बाज़ार में बेंच देंगे।कवींद्र के अनुसार हमने जनसुनवाई में भी SDM पिपरिया को आवेदन दिया है।
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