रेडीमेड व्यापारी भोपाल में बैठ कर चला रहा आईपीएल का सट्टा,पुलिस ने पिपरिया में पकड़े आदमियों पर बना दिया आँकड़े का केस!
पिपरिया:-शहर में आईपीएल का सट्टा काफ़ी ज़ोरों से चल रहा है।जिसमें युवा पीढ़ी तो बर्बाद हो रही है परंतु खाईबाज काफ़ी मालामाल होते दिख रहे है।इन खाईबाजों की सेटिंग का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है की ज़िले के
नवागत SP गुरुकरण सिंह एवं रेंज की IG श्रीमती दीपिका सूरी तो रोज़ाना निर्देश देती है की क्रिकेट के सट्टे पर सख़्ती से पाबंदी लगाई जाए परंतु इन खाईबाजों के आदमी जब पकड़ाते है तो उन पर आँकड़े के सट्टे का केस बना दिया जाता है।पुलिस के निचले स्टाफ़ से इस तरह की सेटिंग से पिपरिया-बनखेड़ी में आईपीएल के सट्टे का कारोबार काफ़ी फल फूल रहा है।हमारे सूत्रों के अनुसार पिपरिया का एक रेडीमेड कपड़ों का व्यापारी आईपीएल क्रिकेट सीरीज़ शुरू होते ही भोपाल में जा कर बैठ गया है।जंहा से वह अपना धंधा चला रहा है।पिपरिया के कई संभ्रांत परिवार के युवा इसके पास अपना क्रिकेट का सट्टा लिखवाया करते है।सोमवार को मंगलवारा पुलिस ने इसके दो आदमियों को शास्त्री वार्ड से क्रिकेट का सट्टा खिलाते रंगे हाथ पकड़ भी लिया था परंतु इनके ऊपर आँकड़े के सट्टे का केस बना दिया गया है।मामले में जब T.I अजय तिवारी से पूछा गया तो उनका कहना था की चीता मोबाइल वाले इन दोनो को पकड़ कर लाए है।मै मामले को दिखावाता हूँ।वही हमारे सूत्र बताते है की इन दोनो के पास उक्त रेडीमेड व्यापारी के साथ क्रिकेट के सट्टे को लेकर हुई बातचीत की बहुत सारी रिकार्डिंग भी मिली थी।परंतु मामले को रफ़ा दफ़ा कर आँकड़े का सट्टा लिखना बता दिया गया है।
पचमढ़ी रोड का एक युवा भी है पार्ट्नर
उक्त रेडीमेड व्यापारी के साथ पचमढ़ी रोड का एक युवा खाईबाज भी इस आईपीएल के खेल में पार्टनर बताया जाता है।जिसकी लाइन पर यह रेडीमेड व्यापारी अपने ग्राहकों का खेल उतरवाया करता है।आईपीएल शुरू होने के पहले यह पिपरिया में पूरी सेटिंग जमा कर जाते है।जिससे की यदि इनके आदमी पकड़ा भी जाए तो मामला तुरंत रफ़ा दफ़ा किया जा सके।इस मामले में भी यही हुआ की पकड़े गए दोनो युवकों के पास कई तरह की रिकार्डिंग एवं हिसाब मिला था जिसके सहारे शहर के बड़े खाईबाज गैंग को पकड़ा जा सकता था।
आँख मूँद कर स्टाफ़ पर भरोसा करते है टी.आई
पिपरिया के मंगलवारा थाना के टी॰आई॰ अजय तिवारी काफ़ी सीधे स्वभाव के है।जिसके चलते वह अपने स्टाफ़ पर आँख मूँद कर विश्वास किया करते है।जिसका नतीजा यह है की निचला स्टाफ़ मनमानी पर उतारू हो चुका है।वही टी॰आई॰ के सीधे पन का फ़ायदा उठा कर उनसे बिना पूछे ही निचला स्टाफ़ मौक़े पर निकाल करवा देता है।वही मामले उजागर होने के बाद जवाब टी॰आई॰ को देना पड़ता है।अब देखना यह है कि पिपरिया पुलिस SP व IG के अनुरूप क़ब तक क्रिकेट के इन बड़े खाईबाजों पर हाथ डालेगी या फिर यह खाईबाज बेख़ौफ़ अपना व्यापार चालू रखेंगे।
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