पटना से दिल्ली-मुंबई का सफर हुआ महंगा

 पटना से दिल्ली-मुंबई का सफर हुआ महंगा

भारतीय रेलवे ने यात्रियों को साल के अंत में महंगाई का झटका दे दिया है। 26 दिसंबर 2025 से लंबी दूरी की ट्रेन यात्राओं के किराए में बढ़ोतरी लागू होने जा रही है। इसका सीधा असर बिहार से दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों की यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों पर पड़ेगा। हालांकि राहत की बात यह है कि जनरल कोच, लोकल ट्रेन और मासिक सीजन टिकट (MST) के किराए में कोई बदलाव नहीं किया गया है।



बिहार से हर दिन लाखों लोग ट्रेन के जरिए सफर करते हैं। ऐसे में किराए में मामूली दिखने वाली यह बढ़ोतरी कुल मिलाकर यात्रियों की जेब पर बड़ा असर डालेगी। भारतीय रेलवे के नए फेयर स्ट्रक्चर के तहत लंबी दूरी की यात्राओं में प्रति किलोमीटर किराया बढ़ाया गया है, जिसका सीधा असर राजधानी, दुरंतो, मेल-एक्सप्रेस और एसी ट्रेनों पर पड़ेगा।


किराया बढ़ाने का नया फॉर्मूला

    रेलवे ने मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की नॉन-एसी और एसी श्रेणियों में प्रति किलोमीटर लगभग 2 पैसे की बढ़ोतरी की है।

    500 किलोमीटर की नॉन-एसी यात्रा पर अब करीब 10 रुपये ज्यादा देने होंगे।

    800 किलोमीटर की नॉन-एसी यात्रा पर लगभग 16 रुपये अतिरिक्त लगेंगे।

    लंबी दूरी की एसी यात्रा में 20 से 30 रुपये तक ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।


पटना-दिल्ली का सफर अब कितना महंगा?

पटना से दिल्ली की दूरी करीब 1000 किलोमीटर है। इस रूट पर चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस, तेजस राजधानी, संपूर्ण क्रांति, मगध एक्सप्रेस और विक्रमशिला एक्सप्रेस सहित इस तरह की सभी अन्य ट्रेनों पर बढ़ा हुआ किराया लागू होगा।


पटना-नई दिल्ली रूट पर अधिकांश ट्रेनों में स्लीपर क्लास का किराया 520 रुपये है, जो अब बढ़कर 540 रुपये हो जाएगा। इसी तरह थर्ड AC का किराया 1370 रुपये से बढ़कर 1390 रुपये हो जाएगा।


पटना-मुंबई रूट पर कितना बढ़ा फेयर?

पटना से मुंबई की दूरी करीब 1706 किलोमीटर है। इस रूट पर यात्रियों को लगभग 34.12 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। यानि कि यात्री जिस स्लीपर क्लास के लिए 730 रुपये चुकाते थे, उसी के लिए अब उन्हें 764 रुपये देने होंगे। इसी तरह थर्ड AC का किराया 1895 रुपये से बढ़कर 1929 रुपये हो जाएगा।


किन यात्रियों को राहत?

रेलवे के मुताबिक 215 किलोमीटर तक की साधारण श्रेणी की यात्रा पर कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इसके अलावा लोकल ट्रेन और मासिक सीजन टिकट (MST) के किराए भी जस के तस रहेंगे। यानी रोजमर्रा के छोटे सफर करने वाले यात्रियों को राहत मिली है, जबकि लंबी दूरी तय करने वालों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा।


रेलवे को क्यों बढ़ाना पड़ा किराया?

भारतीय रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, पिछले एक दशक में रेलवे नेटवर्क, ट्रेनों की संख्या और सुरक्षा मानकों में बड़ा विस्तार हुआ है। इसके चलते ऑपरेशनल कॉस्ट तेजी से बढ़ी है। इन बढ़ती लागतों को संतुलित करने के लिए रेलवे ने सीमित किराया युक्तिकरण का रास्ता चुना है। इससे चालू वित्त वर्ष में करीब 600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने का अनुमान है, जिसे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, नई ट्रेनें, स्टेशन आधुनिकीकरण और सुरक्षा सुधारों में लगाया जाएगा।

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