दिल्ली-NCR में 50% वर्क फ्रॉम होम और स्कूलों के हाइब्रिड मोड में चलेंगे
दिल्ली-NCR में 50% वर्क फ्रॉम होम और स्कूलों के हाइब्रिड मोड में चलेंगे
पिछले तीन दिनों से वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार के बाद, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM ) ने बुधवार (26 नवंबर) को दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-3 के तहत लागू सभी प्रतिबंध हटा दिए. दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बुधवार को 327 रहा और भारत मौसम विभाग (आईएमडी) तथा भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के पूर्वानुमान के अनुसार हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी रहने की आशंका है.
हालांकि, सीएक्यूएम ने कहा कि 21 नवंबर को अधिसूचित संशोधित ग्रैप के स्टेज-1 और स्टेज-2 के तहत लागू प्रतिबंध एनसीआर में जारी रहेंगे और उनका कड़ाई से पालन कराया जाएगा, ताकि प्रदूषण का स्तर दोबारा न बढ़ सके. सीएक्यूएम के आदेश में कहा गया है कि ग्रैप पर उप-समिति ने वायु गुणवत्ता की स्थिति की समीक्षा की और हाल ही में इसमें सुधार देखा. इसके बाद 11 नवंबर के आदेश वापस लिए गए, जिसके तहत चरण-3 के प्रतिबंध लागू किए गए थे.
50% वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था पर क्या फैसला?
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि अब पूरे शहर में GRAP II के तहत उपाय लागू होंगे. सिरसा ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, 'मैं सभी दिल्लीवासियों को सूचित करना चाहता हूं कि सीएक्यूएम के आदेश अनुसार दिल्ली में अब ग्रैप-3 की पाबंदियां हटा दी गई हैं और राजधानी में ग्रैप-2 लागू किया गया है. इसी के तहत दफ्तरों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों के काम करने की व्यवस्था खत्म कर दी गई है और स्कूलों में चल रहा 'हाइब्रिड मोड' भी अब बंद कर दिया गया है. अब आगे से सभी व्यवस्थाएं ग्रैप-2 के नियमों के अनुसार ही चलेंगी.''
GRAP-3 के प्रतिबंधों में क्या है शामिल?
GRAP III के प्रतिबंधों में गैर-जरूरी निर्माण और ध्वस्त करने का कार्य और खनन गतिविधियों पर रोक शामिल है. दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में बीएस-तीन पेट्रोल और बीएस-चार डीजल चारपहिया गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया जाता है. सीएक्यूएम के आदेश में कहा गया कि नियमों का उल्लंघन करने के कारण बंद किए गए निर्माण और ध्वस्त करने वाली साइटों को आयोग द्वारा विशेष अनुमति दिए बिना काम शुरू करने की इजाजत नहीं होगी.
दिल्ली में सर्दियों में लागू होते हैं GRAP के तहत प्रतिबंध
आयोग ने कार्यान्वयन करने वाली एजेंसियों को सख्त निगरानी बनाए रखने और चरण-1 तथा चरण-2 के तहत कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए हैं. सर्दियों के दौरान दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ग्रैप के तहत प्रतिबंध लागू होते हैं, जो वायु गुणवत्ता को चार चरणों में वर्गीकृत करता है – चरण-1 (खराब, एक्यूआई 201-300), चरण -2 (बहुत खराब, एक्यूआई 301-400), चरण-3 (गंभीर, एक्यूआई 401-450), और चरण-4 (गंभीर, एक्यूआई 450 से ऊपर).
प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियां, गाड़ियों से होने वाले उत्सर्जन, धान की पराली जलाने, पटाखों और अन्य स्थानीय प्रदूषण स्रोतों के कारण सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता का स्तर खतरनाक हो जाता है.

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