अडानी ग्रुप ने फ्लाइट ट्रेनिंग कंपनी FSTC पर लगाया 820 करोड़ रुपये का बड़ा दांव
अडानी ग्रुप ने फ्लाइट ट्रेनिंग कंपनी FSTC पर लगाया 820 करोड़ रुपये का बड़ा दांव
इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन एनर्जी और पोर्ट डेवलपमेंट के बाद अब अडानी ग्रुप डिफेंस सेक्टर में भी अपनी पकड़ मजबूत बना रहा है. इसी क्रम में अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (ADSTL) ने प्राइम एयरो सर्विसेज LLP के साथ मिलकर फ्लाइट सिमुलेशन टेक्निक सेंटर प्राइवेट लिमिटेड ( FSTC ) में बहुमत हिस्सेदारी (मेजोरिटी स्टेक) खरीदने का ऐलान कर दिया है. इस डील की कुल कीमत 820 करोड़ रुपये बताई जा रही है. यह देश के फ्लाइट ट्रेनिंग सेक्टर की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है.
पायलट को दी जाती है ट्रेनिंग
FSTC एक ऐसी कंपनी है, जो पायलट को फ्लाइट चलाने की ट्रेनिंग प्रोवाइड करती है. यह देश की सबसे बड़ी और इंडिपेंडेंट फ्लाइट ट्रेनिंग और सिमुलेशन सेंटर है. FSTC के पास 11 फुल-फ्लाइट सिमुलेटर और 17 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट हैं, जिसके जरिए कमर्शियल पायलट लाइसेंस से लेकर टाइप रेटिंग रिकरंट ट्रेनिंग और स्पेशल स्किल्स प्रोग्राम जैसे ट्रेनिंग प्रोग्राम्स चलाता है.
कंपनी DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) और EASA (यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी) से सर्टिफाइड है, जो गुरुग्राम और हैदराबाद में अपना सिमुलेशन सेंटर चलाती है. आने वाले समय में इसमें और विस्तार होने की संभावना है. इसके अलावा, कंपनी हरियाणा के भिवानी और नारनौल में भारत के सबसे बड़े फ्लाइंग स्कूलों में से एक भी चलाती है.
क्यों अहम मानी जा रही यह डील?
भारत का डिफेंस पायलट ट्रेनिंग इकोसिस्टम तेजी से उभर रहा है क्योंकि आने वाले समय में इसमें अपार संभावनाएं हैं. ऐसे में सिम्युलेटर-बेस्ड ट्रेनिंग में खर्च कम आता है और सेफ्टी और एफिशिएंसी बेहतर होती है. FSTC ने डिफेंस और सिविल दोनों डोमेन में अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश में जुटी हुई है.
अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के CEO आशीष राजवंशी ने कहा, ''यह एक्विजिशन पूरी तरह से इंटीग्रेटेड एविएशन सर्विसेज प्लेटफॉर्म बनाने की हमारी स्ट्रैटेजी का अगला कदम है. FSTC के एयर वर्क्स और इंडैमर टेक्निक्स में शामिल होने से अब हम सिविल MRO, जनरल एविएशन MRO [मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल], डिफेंस MRO और फुल-स्टैक फ्लाइट ट्रेनिंग में कस्टमर्स को सर्विस दे सकते हैं.''
उन्होंने आगे कहा, ''भारत में एयरलाइंस आने वाले सालों में 1,500 से ज्यादा नए विमान शामिल करने की योजना बना रही हैं. साथ ही, आर्म्ड फोर्सेज के लिए एडवांस्ड ट्रेनिंग और मिशन रिहर्सल पर सरकार का जोर डिफेंस सिमुलेशन में नए मौके पैदा करता है. एक सुरक्षित देश बनाने में मदद करने की हमारी फिलॉसफी के हिसाब से हमारा मकसद इंडियन डिफेंस पायलटों की अगली पीढ़ी को सपोर्ट करना है.''

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