ट्रंप टैरिफ के बीच भारतीय निवेशकों को बड़ी राहत, EB-5 वीजा पर अमेरिका ने बढ़ी फीस वापस ली

 ट्रंप टैरिफ के बीच भारतीय निवेशकों को बड़ी राहत, EB-5 वीजा पर अमेरिका ने बढ़ी फीस वापस ली

अमेरिकी EB-5 इन्वेस्टर वीजा पर बड़ा फैसला भारतीय निवेशकों के लिए राहत लेकर आया है। अमेरिका की USCIS एजेंसी ने 2024 में लागू की गई भारी-भरकम फीस बढ़ोतरी को वापस ले लिया है। यह कदम कोलोराडो की फेडरल कोर्ट के आदेश के बाद उठाया गया। कोर्ट ने कहा कि USCIS ने बिना जरूरी 

स्टडी के फीस बढ़ाई, जो नियमों के खिलाफ है।

कोर्ट का आदेश 12 नवंबर को आया। इसके बाद USCIS (यूनाइटेड स्टेट सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज) ने कहा कि अब वही पुरानी, कम फीस लागू होगी जो 31 मार्च 2024 से पहले थी। इससे उन भारतीय निवेशकों को सीधा फायदा मिलेगा जो अमेरिकी रेजिडेंसी के लिए EB-5 रूट चुनते हैं।



क्या है EB-5 वीजा प्रोग्राम? (What is EB-5 visa program?)

यह वीजा विदेशी निवेशकों को अमेरिका में ग्रीन कार्ड पाने का रास्ता देता है। निवेश उन प्रोजेक्ट्स में लगता है, जो अमेरिकी नागरिकों के लिए रोजगार पैदा करते हैं। ज्यादातर निवेश "रीजनल सेंटर्स" के जरिए होता है। 2022 में कांग्रेस ने इस प्रोग्राम को दोबारा मंजूरी दी थी।


फीस कम होने से कितना फायदा?

I-526 जैसी अहम फॉर्म फीस 11,160 डॉलर (करीब 9,91,133 रुपए) से घटकर सिर्फ 3,675 डॉलर (करीब 3,26,381 रुपए) रह गई है। जबकि I-956F फॉर्म के लिए अभी तक 47,675 डॉलर ( करीब 42,35,850 रुपए) वसूले जाते थे। इसके लिए अब सिर्फ 17,795 डॉलर यानी 15,80,395 रुपए ही देने होंगे। यानी निवेशकों की जेब पर 26 लाख रुपए तक का बोझ कम हो जाएगा।

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