बिहार में शपथ ग्रहण के बाद डिप्टी सीएम पोस्ट को लेकर चिराग पासवान ने तोड़ी चुप्पी
बिहार में शपथ ग्रहण के बाद डिप्टी सीएम पोस्ट को लेकर चिराग पासवान ने तोड़ी चुप्पी
बिहार चुनाव में एनडीए ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। 243 में से 202 सीटें एनडीए के खाते में आईं। जबकि महागठबंधन सिर्फ 35 सीटें ही हासिल कर पाया।
यह दूसरी बार है जब एनडीए ने राज्य चुनावों में 200 सीटों का आंकड़ा पार किया। इससे पहले 2010 में, इसने 206 सीटें जीती थीं।
10वीं बार नीतीश कुमार ने ली शपथ
इस जीत के बाद जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार ने गुरुवार को 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
उनके अलावा, भारतीय जनता पार्टी के नेता सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए के अन्य प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में बिहार के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
चिराग ने चुप्पी तोड़ी
शपथ ग्रहण से पहले केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान को लेकर तमाम अटकलें चल थीं। यह अनुमान लगाया जा रहा था कि डिप्टी सीएम की पोस्ट चिराग की पार्टी के खाते में आ सकती है। अब इस पर चिराग ने चुप्पी तोड़ दी है।
चिराग ने डिप्टी सीएम पद को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा- चिराग पासवान और कितना लालची हो सकता है? अगर डिप्टी सीएम पोस्ट की मांग मैं करता तो यह लालच की बात होती।
उन्होंने कहा- आप सोचकर देखिए, मैं कहां से आया हूं। 2021 में सभी ने मेरे संघर्ष को देखा है। तब एक आदमी भी आपको मेरे आसपास नहीं दिखता होगा। उस समय ऐसा लगता था कि एक कार्यक्रम करना है तो 10 लोग कहां से आएंगे। उस समय मुट्ठी भर लोग हमारे साथ थे।
अकेले सांसद की पार्टी थी मेरी- चिराग
चिराग ने आगे कहा- 2024 चुनाव के दौरान अकेले सांसद की पार्टी थी मेरी, जिसे 2021 में तोड़ दिया गया था। मुझे घर-परिवार से भी निकाल दिया गया था। उस अकेले सांसद पर पीएम मोदी ने भरोसा जताया और बिहार में 5 सीटें लड़ने को दीं। ये विश्वास मेरे लिए बड़ी बात है।
उन्होंने कहा- मैं लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के भरोसे पर खरा उतरा। अब मेरे जीरो विधायक वाली पार्टी को विधानसभा चुनाव 29 सीटें लड़ने को मिलीं, जिसमें 19 सीटों पर कब्जा जमाया।
इसमें 2 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलवा दी जाती है, अब इसके बाद भी गठबंधन में मैं कुछ मांगू तो मुझसे बड़ा लालची कोई नहीं होगा। मुझे जो मिला है, मैं मानता हूं वह मेरे पिता का आशीर्वाद है।

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