पंचतत्व में विलीन हुए नामांश स्याल

 पंचतत्व में विलीन हुए नामांश स्याल

शुक्रवार को दुबई में एयर शो के दौरान तेजस विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से पायलट विंग कमांडर नामांश स्याल बलिदान हो गए थे। रविवार दोपहर करीब एक बजे उनकी पार्थिव देह एयरफोर्स के विशेष विमान से गगल स्थित कांगड़ा हवाई अड्डे पर लाई गई। नामांश स्याल के माता-पिता, पत्नी व बेटी भी पार्थिव देह के साथ आए। कांगड़ा एयरपोर्ट पर उनकी पत्नी विंग कमांडर अफशां एयरफोर्स की वर्दी में पति की पार्थिव देह के साथ पहुंची। यहां से पार्थिव देह को उनके पैतृक गांव पटियालकड़ ले जाया गया। यहां मोक्षधाम में सैन्य सम्मान के साथ नामांश स्याल की अंत्येष्टि की गई।  



देश ने एक बेहतरीन पायलट खोया

स्वर्गीय विंग कमांडर नमांश स्याल के पिता जगन नाथ स्याल ने कहा कि देश ने एक बेहतरीन पायलट खो दिया है, और मैंने एक जवान बेटा खो दिया है। उसकी जिंदगी में कभी कोई पल बोरिंग नहीं रहा और उसने हर उस कॉम्पिटिशन में जीत हासिल की जिसमें उसने हिस्सा लिया। भारत सरकार अपनी जांच कर रही है, जबकि दुबई सरकार अपने लेवल पर जांच कर रही है। 


शुक्रवार को दुबई एयर शो 2025 में तेजस एयरक्राफ्ट के क्रैश होने और उसमें आग लगने के बाद इंडियन एयर फोर्स ने उनके निधन की पुष्टि की। गांव वाले उनके निधन पर शोक मना रहे हैं और उनके अंतिम संस्कार से पहले इकट्ठा हुए हैं। स्थानीय निवासी संदीप कुमार ने कहा कि हम नामांश पटियालकड़ के ही गांव से हैं। हमारे गांव में हर कोई दुखी है। वह हमारे छोटे भाई जैसा था। ऐसा नहीं होना चाहिए था। हमारे पास शब्द नहीं हैं। हम उससे 3-4 महीने पहले मिले थे जब वह हमारे गांव आया था


पंकज चड्ढा जो विंग कमांडर स्याल के ही स्कूल में पढ़े थे ने कहा कि उन्होंने एक रत्न खो दिया है। मैंने भी नामांश के ही स्कूल, सैनिक स्कूल सुजानपुर टीरा में पढ़ाई की है। चड्ढा ने बताया कि हमने अपना एक हीरा खो दिया। वह हमारे स्कूल का गौरव था। हम उसके पैतृक गांव पटियालकड़ जाएंगे। उसने हम सभी को बहुत गर्व महसूस कराया। 

No comments

Powered by Blogger.