पूजा में दीपक जलाने का सही तरीका क्या

 पूजा में दीपक जलाने का सही तरीका क्या

पूजा में दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। बिना दीपक के पूजा अधूरी मानी जाती है और यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी बढ़ाता है।



वास्तु शास्त्र में दीपक जलाने से जुड़े कई महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं, दिशा, बत्ती, तेल-घी का चयन और दीपक की placement तक। इन नियमों का पालन करने से पूजा का पूर्ण फल मिलता है और वातावरण भी पवित्र बना रहता है।

दीपक कैसे जलाएं?

रोजाना घर के मंदिर में घी या सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।

घी का दीपक मंदिर के बाईं ओर रखें।

तेल का दीपक मंदिर के दाहिनी ओर रखना शुभ माना जाता है।

बत्ती का चयन भी वास्तु में खास मायने रखता है-

घी के दीपक में सफेद रुई की बत्ती का उपयोग करें।

तेल के दीपक में लाल धागे की बत्ती शुभ मानी गई है।


किस दिशा में जलाएं दीपक?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, दीपक जलाने के लिए उत्तर दिशा या ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) श्रेष्ठ मानी गई है।

दीपक की बत्ती का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।

किन दिशाओं में दीपक नहीं जलाना चाहिए?

दक्षिण दिशा में दीपक जलाना अशुभ माना जाता है, यह यम दिशा कही जाती है।

पश्चिम दिशा भी दीपक के लिए सही नहीं मानी गई है।

इन दिशाओं में दीपक जलाने से नकारात्मक प्रभाव बढ़ने की आशंका रहती है।


इन्हें बिल्कुल न करें नजरअंदाज

दीपक को भगवान की मूर्ति के बहुत पास या बहुत दूर न रखें।

यदि दीपक धातु का है, तो उसकी रोजाना सफाई अवश्य करें।

दीपक जलाने के बाद उसे बिना कारण बार-बार हिलाएं नहीं।

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