भोपाल में 59वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी संपन्न
भोपाल में 59वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी संपन्न
राजधानी भोपाल में आयोजित 59वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का शनिवार को समापन हो गया। इस अवसर पर प्रदेश के खेल, युवा कल्याण एवं सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति और परिस्थितियां विज्ञान अनुसंधान के लिए अनुकूल हैं, इसलिए केंद्र सरकार को इसे एक वैज्ञानिक अनुसंधान हब के रूप में विकसित करना चाहिए।
इस पांच दिवसीय विज्ञान प्रदर्शनी में 23 राज्यों, 7 केंद्र शासित प्रदेशों और 7 अन्य राष्ट्रीय संस्थानों के 800 से अधिक बाल वैज्ञानिकों और शिक्षकों ने भाग लिया। इस दौरान छात्रों द्वारा बनाए गए कुल 240 साइंस मॉडल प्रदर्शित किए गए। कार्यक्रम में भोपाल की महापौर मालती राय भी मौजूद थीं।
बाल वैज्ञानिकों में दिखी भारत की उज्ज्वल तस्वीर
समापन समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री विश्वास सारंग ने बाल वैज्ञानिकों के नवाचारों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इन मॉडलों में भारत के भविष्य की उज्ज्वल तस्वीर दिखाई दे रही है।
नई शिक्षा नीति में मातृभाषा को महत्व
कार्यक्रम में शामिल हुए केंद्रीय स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, नई दिल्ली के सचिव संजय कुमार ने प्रदर्शनी के सफल आयोजन के लिए प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग को बधाई दी। उन्होंने नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा उनकी मातृभाषा में ही होनी चाहिए क्योंकि इसी से उनका मस्तिष्क विकास बेहतर होता है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पहली कक्षा में प्रवेश लेने वाला हर बच्चा कम से कम 12वीं तक की पढ़ाई अनिवार्य रूप से पूरी करे। इस मौके पर एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी और अन्य विशेषज्ञों ने भी अपने विचार रखे।

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