'सेफ डोज' में भी पैरासिटामोल का अधिक सेवन खतरनाक- डॉक्टर

 'सेफ डोज' में भी पैरासिटामोल का अधिक सेवन खतरनाक- डॉक्टर

यह सच है कि सामान्य दर्द, सिरदर्द, बुखार या शरीर में हल्के असहजपन के समय दवा के नाम पर सबसे पहले हमारे जहन में पैरासिटामोल का नाम आता है। भारत में इस दवा का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह दवा लंबे समय से घरों की दवा पेटी का हिस्सा रही है और आसान उपलब्धता के कारण लोग बिना डॉक्टर की सलाह के भी इसका इस्तेमाल करते रहते हैं। पैरासिटामोल शरीर में दर्द और बुखार को कम करने में मदद करता है। असल में ये दिमाग में उन रसायनों की गतिविधि को नियंत्रित करता है जो दर्द और तापमान बढ़ाते हैं। यह सही मात्रा में उपयोग करने पर प्रभावी और सुरक्षित है, लेकिन इसकी अधिकता का शरीर पर कई प्रकार से असर हो सकता है। 



विशेषज्ञ कहते हैं, ये व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली दवा है, जिसे आपने भी शायद पिछले कुछ हफ्तों में कभी न कभी खुद भी लिया होगा। लेकिन क्या पैरासिटामोल का बार-बार उतना ही सुरक्षित है जितना लगता है? इसको लेकर ब्रिटिश डॉक्टर्स की टीम ने आगाह किया है। 


डॉक्टर कहते हैं, मैं खुद एक डॉक्टर हूं लेकिन मैं इसके अक्सर इस्तेमाल से बचता हूं और लोगों को भी यही सलाह देता हूं।


सीमित मात्रा से अधिक हो रहा है पैरासिटामोल का इस्तेमाल


नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) की एक रिपोर्ट बताती है कि एक औसत ब्रिटिश नागरिक हर साल लगभग पैरासिटामोल की 70 गोलियां खाता है, लगभग छह खुराक प्रति माह। नवीनतम आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि इंग्लैंड में एनएचएस ने 2024-25 में इस दर्द निवारक के लिए 1.5 करोड़ से ज्यादा प्रिस्क्रिप्शन लिखे, जिनकी लागत £80.6 मिलियन (965.45 करोड़) थी।


इस बीच हाल के कई अध्ययनों ने इस दवा के नियमित इस्तेमाल को लिवर फेलियर, हाई ब्लड प्रेशर, गैस्ट्रोइंटस्टाइनल ब्लीडिंग और हृदय रोगों से जोड़ा है। कुछ अध्ययनों में यहां तक कहा गया है कि पैरासिटामोल का अधिक इस्तेमाल टिनिटस, ऑटिज्म और अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी) जैसी विकासात्मक समस्याओं का भी कारण बन सकती है।


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