जबलपुर ब्रिज: सबसे बड़े पुल में दरारों को लेकर PWD चीफ की दलील..ये'दाग'अच्छे हैं
जबलपुर ब्रिज: सबसे बड़े पुल में दरारों को लेकर PWD चीफ की दलील..ये'दाग'अच्छे हैं
जबलपुर। संस्कारधानी के नवनिर्मित 7.5 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर ब्रिज में उद्घाटन से पहले उभरी दरारों को लेकर बवाल मच गया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के आरोपों के बाद विभागीय मंत्री राकेश सिंह के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने गुरुवार को फ्लाई ओवर का निरीक्षण किया। उन्होंने ब्रिज में आई दरारों को निर्माण के लिए अच्छा बताया।
बता दें कि इससे पहले विभाग के ईएनसी जीपीएस राणा ने ही इन दरारों पर सवाल उठाते हुए जांच के आदेश दिए थे। इसके लिए गत 3 जनवरी को विभागीय सेतु परिक्षेत्र के मुख्य अभियंता जीपी वर्मा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय तकनीकी जांच समिति गठित की गई,लेकिन इसी बीच नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का बयान सामने आने के बाद मंत्री राकेश सिंह ने
विभागीय एसीएस नीरज मंडलोई को जांच के निर्देश दिए। इसी क्रम में मंडलोई ने गुरुवार को जबलपुर पहुंचकर ब्रिज का अवलोकन किया। विभाग के प्रमुख अभियंता और जबलपुर के मुख्य अभियंता की टीम के साथ ब्रिज का जायजा लिया। इसके बाद जांच कमेटी ने कहा "दरारें अच्छी हैं"। जबलपुर का यह सबसे बड़ा पुल है।
दरारों को लेकर दिए ये तर्क
ओवरब्रिज की जांच के बाद लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने मीडिया को बताया कि "दरअसल ब्रिज पर उभरी दरारें,इसके ऊपर लगे टी जॉइंट की वजह से बनी हैं। टी जॉइंट दो स्ट्रक्चर को आपस में जोड़ने के लिए एक लोहे की पट्टी होती है, जो दो अलग-अलग स्ट्रक्चर के बीच में रखी जाती है, ताकि दोनों स्ट्रक्चर आपस में रगड़ ना खाएं। आपस में टकराने पर इनके टूटने का खतरा रहता है। इससे बचने इनके बीच में गैप रखते हुए इनके ऊपर टी जॉइंट लगाया जाता है। जॉईंट के ऊपर डामर डाला गया।ठंड की वजह से डामर में ब्रेक आया है। " अधिकारियों का दावा है कि "यह निर्माण की लापरवाही नहीं बल्कि निर्माण के लिए जरूरी दरारें हैं।"
मप्र का सबसे बड़ा ब्रिज
जबलपुर में 7.5 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर ब्रिज बनाया जा रहा है। यह मप्र का सबसे बड़ा ब्रिज है। इसका अभी लोकार्पण किया जाना है। जबलपुर निवासी विभागीय मंत्री राकेश सिंह की देखरेख में ही इसे तैयार किया गया। यह उनका महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट भी है,लेकिन उद्घाटन से पहले ही इस पर उभरी दरारों ने निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठे। ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने एक्स पर लिखा— "मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार की नई-नई इबारतें लिखी जा रही हैं। जबलपुर में ₹800 करोड़ की लागत से बने फ्लाईओवर की सड़क टूट रही है! यह मंत्री और मुख्यमंत्री की नाक के नीचे हो रहा भ्रष्टाचार है या पूरा गोलमाल? अधिकारी और ठेकेदार रोज़ नए कारनामे कर रहे हैं। एक तरफ़ जहां प्रदेश लाखों करोड़ों के क़र्ज़ की चपेट में हैं, वहां भ्रष्टाचार में जनता के पैसे का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।" कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी पीडब्ल्यूडी मंत्री पर निशाना साधा ।
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