विश्व के सबसे बडे़ आध्यात्मिक समारोह के रूप में मनाया जाता है महाकुम्भ मेला
विश्व के सबसे बडे़ आध्यात्मिक समारोह के रूप में मनाया जाता है महाकुम्भ मेला
महाकुम्भ मेला विश्व के सबसे बडे़ आध्यात्मिक समारोह के रूप में मनाया जाता है। यह मेला आस्था, संस्कृति और प्राचीन परंपरा का एक असाधारण उत्सव है। हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार यह पवित्र उत्सव 12 वर्षो के अंतराल पर मनाया जाता है। यह मेला भारत के चार पवित्र शहरों हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयागराज में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। इनमें से प्रत्येक शहर भारत की पवित्र नदियों के किनारे स्थित है।
वर्ष 2025 में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज एक बार फिर इस उत्कृष्ट समारोह का केन्द्र बनने जा रहा है। यह मेला भक्ति, एकता और भारत की जीवंत आध्यात्मिक विरासत के प्रगाढ़ प्रदर्शन का साक्षी बनेगा।
प्रयागराज का महाकुंभ मेला 2025 भक्ति और नवाचार का एक अद्वितीय मेल को दर्शाएगा। इस मेले में अनुमानित 45 करोड़ श्रद्धालु आ सकते हैं। श्रद्धालुओं को सुरक्षित और अच्छी अनुभूति प्रदान करने के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही हैं।
इस वर्ष के कुंभ को उत्कृष्ट बनाने के लिए विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। डिजीटल भूमि आवंटन, 360 डिग्री के वर्चुअल रियलिटी स्टॉल और गूगल पर भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित नक्शे श्रद्धालुओं की भागीदारी को निर्बाध बना रहे हैं। इस मेले में प्रयाग महात्मयम और समुद्र मंथन की पौराणिक कथाएं सुनाने वाले दो हजार ड्रोन के साथ एक शानदार ड्रोन शो भी आयोजित किया जाएगा। इससे शाम को आकाश में एक विजुअल चमत्कार का अनुभव श्रद्धालुओं को होगा।
24 घंटे निगरानी करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित कैमरों, रिमोट नियंत्रित जीवन रक्षकों और अंडरवाटर ड्रोन जैसी उन्नत प्रणालियों के साथ सुरक्षा को वरीयता दी जा रही है। 56 साइबर रक्षकों के साथ एक समर्पित साइबर पुलिस स्टेशन ऑनलाइन खतरों से निपटने के लिए स्थापित किये गए हैं। इससे विश्वभर के श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए डिजिटल ट्रैकिंग और सोशल मीडिया अपडेट के माध्यम से लापता व्यक्तियों को उनके परिवारों से मिलाने के लिए उच्च तकनीक से सुसज्जित खोया-पाया केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। इस बीच टैंट सिटी में ठहरने के लिए आई आर सी टी सी जैसे मंचों के जरिये ऑनलाइन बुकिंग 10 जनवरी से शुरू होगी।
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