खरमास में क्यों नहीं करते शुभ कार्य?

 खरमास में क्यों नहीं करते शुभ कार्य?

खरमास हिन्दू पंचांग का एक महत्वपूर्ण महीना होता है, जो शुभ कार्यों के लिए सही नहीं माना जाता है। यह आमतौर पर सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद शुरू होता है। यह लगभग एक महीने तक चलता है।

खरमास के दौरान शुभ कार्यों जैसे विवाह, गृह प्रवेश या नया काम शुरू करना वर्जित माना जाता है। इस समय को धर्मशास्त्रों में अनिष्टकारी और अशुभ माना जाता है। इस दौरान पूजा-पाठ और दान करना चाहिए। यह समय धर्म और आत्मा के कल्याण के लिए उपयुक्त माना जाता है।


खरमास की शुरूआत 15 दिसंबह को 10 बजकर 19 मिनट से हो जाएगी। इस दिन सूर्य वृश्चिक राशि से निकलकर गुरु की राशि धनु में प्रवेश करेंगे। 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि कर लेंगे, तब शुभ कार्यों पर से रोक हट जाएगी।

खरमास के इस महीने में खास परंपराएं निभाई जाती हैं। इस समय में लोग मंत्र जप, दान, नदी स्नान और तीर्थ दर्शन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि खरमास के महीने में धर्म कर्म करने से बहुत लाभ मिलता है। इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान और मंदिरों में दर्शन करने से श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

साल में दो बार शुभ कार्य पर लगती है रोक

खरमास साल में दो बार आता है। एक बार 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक रहता है, जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है। दूसरी बार 15 मार्च से 15 अप्रैल तक रहता है, जब सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करता है। ऐसे में साल में दो महीने ऐसे आते हैं, जब शुभ कार्यों पर पूरी तरह से रोक लगी रहती है।

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