सत्ता के बाद अब संगठन में परिवारवाद का बोल बाला!
पिपरिया।भारतीय जनता पार्टी पिछले कई दशकों से राजनीति में परिवारवाद का विरोध करती आई है।परिवारवाद का आरोप लगा कर वह कांग्रेस को राजशाही परिवार की पार्टी कहती थी।
परंतु वह इन दिनो ख़ुद के गिरेबान में झांक कर नहीं देख पा रही है।दरअसल अभी तक पिपरिया विधानसभा में नगरीय निकाय की सत्ता में परिवारवाद चल रहा था।पिपरिया नगर पालिका हो या बनख़ेडी नगर परिषद यंहा भाजपा नेताओ के रिश्तेदारो को पार्षद से लेकर अध्यक्ष तक बनाया गया है।परंतु पहली बार है की संगठन में भी परिवारवाद चलता हुआ दिखाई दिया है।मामला बनखेडी मंडल अध्यक्ष चुनाव का है।यंहा आये पर्यवेक्षको के सामने क़रीब एक दर्जन नेताओ ने दावेदारी की थी।परंतु निवर्तमान अध्यक्ष रमेश पटेल की पत्नी भगवती पटेल को अध्यक्ष घोषित कर दिया गया।बनखेडी के भाजपा नेताओ के अनुसार भगवती पटेल ने कोई दावेदारी पर्यवेक्षक के सामने पेश तक नहीं की वह तो मंडल अध्यक्ष रमेश पटेल की पत्नी और ख़ुद ज़िला पंचायत सदस्य है।ऐसे में पार्टी किसी ओर को मौक़ा दे सकती थी।परंतु यंहा भगवती पटेल को विधायक समर्थक होने का भरपूर फ़ायदा मिला है।विधायक नागवंशी ने ही भगवती पटेल का नाम आख़िर समय में मंडल अध्यक्ष के लिए दिया था।वही ज़िला अध्यक्ष माधव अग्रवाल भी नागवंशी गुट के ही है।ऐसे में अग्रवाल ने भी भगवती पटेल का समर्थन कर दिया।बनखेडी के भाजपा कार्यकर्ताओं की माने तोमाधव अग्रवाल को भी ज़िला अध्यक्ष पद पर रिपीट होना है।ऐसे में वह विधायक नागवंशी की बात नहीं टाल पा रहे है।क्योंकि नर्मदापुरम ज़िले में ठाकुरदास नागवंशी एक मात्र विधायक है जो माधव अग्रवाल को पुनः बनाने के लिए जी जान से जुटे है।सूत्रों की माने तो बाँकी तीनो विधायक अग्रवाल का भरसक विरोध कर रहे है।यही कारण है की पिपरिया के तीनो मंडल अध्यक्षों को भी अग्रवाल ने रिपीट करवा दिया है।ताकि उनके पास नागवंशी का समर्थन भी बना रहे।
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