भारतीय-डाक और दूरसंचार लेखा तथा वित्त-सेवा के 50वें स्थापना दिवस मे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शामिल हुए

 भारतीय-डाक और दूरसंचार लेखा तथा वित्त-सेवा के 50वें स्थापना दिवस मे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शामिल हुए 

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि भारतीय लोकतंत्र को अभिव्यक्ति और संवाद के संतुलन पर केन्द्रित होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि लोकतंत्र केवल व्यवस्थाओं पर ही नहीं, बल्कि मौ‍लिक मूल्यों पर भी विकसित होता है। उपराष्ट्रपति ने आज नई दिल्ली में भारतीय डाक और दूरसंचार लेखा तथा वित्त सेवा के 50वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।



उन्होंने कहा कि सार्थक संवाद और प्रामाणिक अभिव्यक्ति के गिरते स्‍तर से बाह्य और आंतरिक संस्थागत चुनौतियां उत्पन्न होती हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि अभिव्यक्ति और संवाद एक दूसरे के पूरक हैं और दोनों के बीच सामंजस्य ही सफलता की कुंजी है।


 उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि आधुनिक सिविल सेवकों को तकनीक में दक्ष, परिवर्तन का सूत्रधार और पारंपरिक प्रशासनिक सीमाओं से परे होना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने सरकारी अधिकारियों से आग्रह किया कि वे ग्रामीण प्रौद्योगिकी के लिए अभिनव वित्तपोषण मॉडल के माध्यम से डिजिटल खाई पाटने पर ध्यान केंद्रित करें।

अपने संबोधन में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले पांच दशकों में भारतीय डाक और दूरसंचार लेखा तथा वित्त सेवा के महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डाला और उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि दोनों विभाग भारत के सपने को साकार कर रहे हैं।


केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत विश्व शक्ति बनने और दुनिया का नेतृत्व करने की राह पर है।

No comments

Powered by Blogger.