विकसित भारत अब सपना नहीं बल्कि चुनौतीपूर्ण लक्ष्य है और राष्ट्र अपने संकल्प से इसे हासिल करेगा: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
विकसित भारत अब सपना नहीं बल्कि चुनौतीपूर्ण लक्ष्य है और राष्ट्र अपने संकल्प से इसे हासिल करेगा: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि विकसित भारत अब सपना नहीं बल्कि चुनौतीपूर्ण लक्ष्य है और राष्ट्र अपने संकल्प से इसे हासिल करेगा। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने आज नई दिल्ली में आयोजित सम्मेलन में यह बयान दिया जिसका शीर्षक है विकसित भारत 2047: नए भारत 3.0 का विजन। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे, डिजिटल बुनियादी ढांचे और डिजिटल पहुंच को अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष-आईएमएफ, विश्व बैंक और विश्व आर्थिक मंच द्वारा सराहा जा रहा है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि आईएमएफ के अनुसार, निवेश और अवसर के लिए भारत पसंदीदा गंतव्य है। उन्होंने कहा कि तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही आई है और 50 करोड़ से अधिक लोगों को कम समय में बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया है। उन्होंने वोकल फॉर लोकल पर भी जोर दिया। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने लोगों से अपनी जरूरत के हिसाब से संसाधनों का इस्तेमाल करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लोगों को एक संरक्षक की तरह काम करना चाहिए और संसाधनों का अनावश्यक दोहन नहीं करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने इस दौरान संसद में व्यवधानों पर भी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि संसद जनता की आकांक्षाओं को साकार करने और बहस, संवाद, चर्चा तथा विचार-विमर्श का स्थान है। उन्होंने कहा कि इसे व्यवधान का केंद्र नहीं बनाया जाना चाहिए।
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