राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने एशिया को जोड़ने और शांति स्थापित करने के लिए बुद्ध धर्म की भूमिका पर जोर दिया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने एशिया को जोड़ने और शांति स्थापित करने के लिए बुद्ध धर्म की भूमिका पर जोर दिया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज कहा कि भारत धम्म की पवित्र भूमि है और हर युग में यहां महान गुरु और रहस्यवादी हुए हैं। नई दिल्ली में पहले एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भगवान बुद्ध का इन पथ-प्रदर्शकों में अद्वितीय स्थान है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे सिद्धार्थ गौतम का ज्ञान प्राप्त करना इतिहास में एक अद्वितीय घटना है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज दुनिया कई मोर्चों पर अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है, लेकिन बौद्ध समुदाय के पास मानव जाति को देने के लिए बहुत कुछ है। उन्होंने इस पर चर्चा करने की आवश्यकता पर बल दिया कि एशिया को मजबूत करने में बौद्ध धर्म की क्या भूमिका है और यह कैसे एशिया और दुनिया में वास्तविक शांति ला सकता है। उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म का प्रमुख संदेश शांति और अहिंसा पर केंद्रित है और इस बात पर प्रकाश डाला कि आज दुनिया को करुणा की आवश्यकता है।
संस्कृति मंत्रालय, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के सहयोग से, बौद्ध धर्म को सम्मानित करने के लिए दो दिवसीय शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। शिखर सम्मेलन का विषय है “एशिया को मजबूत बनाने में बुद्ध धम्म की भूमिका।”
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