विवाह की शुभ घड़ी आई,117 दिन बाद गूजेंगी खुशियों की शहनाई
विवाह की शुभ घड़ी आई,117 दिन बाद गूजेंगी खुशियों की शहनाई
देवशयनी एकादशी से विवाह पर लगी 117 दिनी रोक देवउठनी एकादशी पर 12 नवंबर को हट जाएगी। इसके लिए हलवाई, कैटरिंग, बैंड गार्डन, होटल, धर्मशाला के साथ वैवाहिक आयोजन के व्यवसाय से जुड़े लोगों के चेहरे खिल उठे हैं। इसका कारण वैवाहिक आयोजन के लिए 80 फीसद से अधिक बुकिंग होना है। इसके चलते दीपावली और छठ पूजा के लिए गए स्टाफ को भी फटाफट वापस बुलवाया जा रहा है। वर्ष 2024 के अंतिम दो महीने में 16 मिश्रित मुहूर्त हैं। हर मुहूर्त 300 से 400 वैवाहिक आयोजनों का अनुमान लगाया जा रहा है। इसमें स्कूल-कॉलेज और खेल मैदान पर होने वाले आयोजन शामिल नहीं हैं।
15 जुलाई को था विवाह का अंतिम मुहूर्त
पिछली बार 17 जुलाई को श्री हरि विष्णु के योग निद्रा में जाने के दो दिन पहले 15 जुलाई को विवाह का अंतिम मुहूर्त था। सनातन संस्कृति में चातुर्मास के चार माह वैवाहिक आयोजन नहीं किए जाते हैं।
वैवाहिक आयोजन की शुरुआत देवोत्थान एकादशी पर देवों के जागने के साथ होती है। इस बार नवंबर और दिसंबर को विवाह के शुद्ध और मिश्रित मुहूर्त पर बड़ी संख्या में वैवाहिक आयोजन होंगे। इसके लिए एक मुहूर्त पर करीब तीन बुकिंग विवाह संपन्न कराने वाले विद्वानों के पास है।
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