सुरक्षा, सम्‍मान और समानता सभी चर्चाओं के केंद्र में होनी चाहिएः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

 



सुरक्षा, सम्‍मान और समानता सभी चर्चाओं के केंद्र में होनी चाहिएः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस के नैतिक इस्‍तेमाल का आह्वान करते हुए इस बात पर जोर दिया है कि सुरक्षा, सम्‍मान और समानता सभी चर्चाओं के केंद्र में होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए वैश्विक फ्रेमवर्क की स्‍थापना के महत्‍व को भी दोहराया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत ने जी-20 अध्‍यक्षता के दौरान इस विषय को उठाया था और वैश्विक संस्‍थानों से वैश्विक शासन में इसके महत्‍व को पहचानने का आग्रह किया था।





प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज नई दिल्‍ली के भारत मण्‍डपम में अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ-आईटीयू की विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा – डब्‍ल्‍यूटीएसए – 2024 का उद्घाटन करते हुए कहा कि डब्‍ल्‍यू टी एस ए का उद्देश्‍य वैश्विक मानकों की दिशा में कार्य करना है और मोबाइल कांग्रेस की सेवा क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण भूमिका है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दूरसंचार और उससे संबंधित प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभी दुनिया का सबसे अधिक सक्रिय देश है। उन्‍होंने कहा कि भारत में एक सौ 20 करोड़ लोगों के पास मोबाइल, 95 करोड़ के पास इंटरनेट हैं और दुनिया के 40 प्रतिशत से अधिक डिजिटल लेन-देन भारत में होते हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत ने लास्‍ट माइल डिलीवरी के लिए डिजिटल कनेक्टिविटी को प्रभावशाली माध्‍यम बनाया है।


उन्‍होंने कहा कि देश का डिजिटल विजन चार स्‍तंभों – सस्‍ते उपकरणों, सभी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी, किफायती डाटा और डिजिटल प्राथमिकता पर कार्य करता है। उन्‍होंने कहा कि भारत डिजिटल पब्लिक इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर के क्षेत्र में अपनी सफलता के अनुभवों को दुनिया के साथ साझा करने के लिए तैयार है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 5जी का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है और अब सरकार 6जी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से कार्य कर रही है। उन्‍होंने कहा कि देश का लगभग हर जिला 5जी नेटवर्क से जुड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में भारत के सुधार और नवाचार अकल्‍पनीय और असाधारण हैं।


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 में भारत में मोबाइल विनिर्माण क्षेत्र में केवल दो ईकाई थी, लेकिन आज इनकी संख्‍या दो सौ से अधिक है। उन्‍होंने कहा कि अब भारत को मोबाइल निर्यातक के रूप में जाना जाता है और वह दुनिया को मेड इन इंडिया फोन उपलब्‍ध करा रहा है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं का नेतृत्‍व बढ़ाने के लिए अनेक अवसर पैदा कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि सरकार की नमो ड्रोन दीदी पहल ने ड्रोन के इस्‍तेमाल से कृषि के क्षेत्र में क्रांति का सूत्रपात किया है।


डब्‍ल्‍यूटीएसए- डिजिटल टेक्‍नोलॉजी के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र की एजेंसी, विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा के मानक कार्यों का संचालन सम्‍मेलन है। इसका आयोजन हर चार वर्ष में किया जाता है। भारत और एशिया प्रशांत क्षेत्र में इसका आयोजन पहली बार किया जा रहा है।


प्रधानमंत्री मोदी ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस के आठवें संस्‍करण का भी उद्घाटन किया। मोबाइल कांग्रेस में इनोवेशन इकोसिस्‍टम का प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रमुख दूरसंचार कंपनी और इन्नोवेटर क्‍वांटम प्रौद्योगिकी तथा सर्कुलर इकोनॉमी में देश की प्रगति के प्रदर्शन के साथ 6जी, 5जी, क्‍लाउड और एज कम्‍प्‍यूटिंग, सेमीकंडक्‍टर, साइबर सुरक्षा, हरित प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष संचार और इलैक्ट्रोनिक विनिर्माण क्षेत्र का भी प्रदर्शन करेंगे।


विश्‍व दूरसंचार मानकीकरण सभा एक प्रमुख वैश्विक आयोजन है, जिसमें एक सौ 90 देशों के दूरसंचार, डिजिटल तथा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी क्षेत्र के तीन हजार से अधिक उद्योगपति, नीति निमार्ता और तकनीकी विशेषज्ञ एक मंच पर एकत्रित होते हैं। यह विभिन्‍न देशों को 6जी, कृत्रिम बुद्धिमता, इंटरनेट ऑफ थिंग्‍स, बिग डाटा, साइबर सुरक्षा और अन्‍य विषयों पर अगली पीढी की महत्‍वपूर्ण प्रौद्योगिकी के बारे में चर्चा और निर्णय लेने का मंच प्रदान करता है।


इस कार्यक्रम के आयोजन से भारत को वैश्विक दूरसंचार एजेंडा तथा भविष्‍य की प्रौद्योगिकी की दिशा को आकार प्रदान करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा। भारतीय स्‍टार्टअप और अनुसंधान संस्‍थानों को बौद्धिक संपदा अधिकारों और मानक आवश्यक पेटेंट के विकास में महत्‍वपूर्ण जानकारी भी मिलेगी।

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