भारत मंडपम में जारी विश्‍व दूरसंचार मानकीकरण सम्‍मेलन में रिकार्ड संख्‍या में हिस्‍सा ले रहे हैं प्रतिनिधि

 भारत मंडपम में जारी विश्‍व दूरसंचार मानकीकरण सम्‍मेलन में रिकार्ड संख्‍या में हिस्‍सा ले रहे हैं प्रतिनिधि

नई दिल्‍ली के भारत मंडपम में जारी विश्‍व दूरसंचार मानकीकरण सम्‍मेलन-डब्‍ल्‍यू टी एस ए-2024 में रिकार्ड संख्‍या में प्रतिनिधि हिस्‍सा ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने मंगलवार को इस सम्‍मेलन का उदघाटन किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के नैतिक उपयोग पर बल देते हुए कहा था कि सुरक्षा, गरिमा और समानता के मुद्दों को विचार-विमर्श के केंद्र में रखा जाना चाहिए। उन्‍होंने डिजिटल टेक्‍नोलॉजी के लिए वैश्विक फ्रेम वर्क स्‍थापित करने के महत्‍व को दोहराया था और वैश्विक संस्‍थानों से अपील की थी कि वे अंतर्राष्‍ट्रीय शासन के लिए इसकी उपयोगिता को समझें।


डब्‍ल्‍यू टी एस ए अंतर्राष्‍ट्रीय दूर संचार संघ के मानकीकरण कार्य का अधिशासी सम्‍मेलन है, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पहली बार आयोजित किया जा रहा है। इसमें एक सौ 90 देशों के तीन हजार से अधिक उद्योगपति, नीति-निर्माता और तकनीकी विशेषज्ञ हिस्‍सा ले रहे हैं। वे दूरसंचार, डिजिटल और सूचना संचार प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों का प्रतिनिधित्‍व करते हैं।

आकाशवाणी से बातचीत में जर्मनी से एक प्रतिभागी निएल्‍स कोनिंग ने बताया कि वे 6जी जैसी भावी प्रौद्योगिकी विकसित करने के इच्‍छुक हैं, जिसके लिए भारत एक महत्‍वपूर्ण बाजार है।

दस‍ दिन तक चलने वाले आईटीयू सम्‍मेलन का लक्ष्‍य 6जी, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, इंटरनेट आफ थिंग्‍स, बिग डेटा, साइबर सुरक्षा, मशीन टू मशीन कम्‍यूनिकेशन और क्‍वांटम प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में मानकों का भविष्‍य तय करना है। यह सम्‍मेलन इस महीने की 24 तारीख को सम्‍पन्‍न होगा।

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