प्रधानमंत्री का तीन दिवसीय अमेरिकी दौरा सफलतापूर्वक संपन्न, यात्रा में क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन समेत कई अहम बैठकें शामिल

 प्रधानमंत्री का तीन दिवसीय अमेरिकी दौरा सफलतापूर्वक संपन्न, यात्रा में क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन समेत कई अहम बैठकें शामिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन की अमरीका यात्रा के सफल समापन के बाद आज तड़के दिल्ली के लिए रवाना हो गए। यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी क्वाड नेताओं के सम्‍मेलन और भारतीय-अमरीकी समुदाय के कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्‍होंने संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन को संबोधित किया और अन्य देशों के नेताओं के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें कीं। प्रधानमंत्री ने अपने दौरे की शुरुआत अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ बैठक से की। राष्ट्रपति बाइडेन ने इसे विशेष महत्‍व देते हुए इस बैठक की मेजबानी विलमिंगटन, डेलावेयर में अपने निवास पर की। बैठक के दौरान जिन दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए उनमें इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क एग्रीमेंट और भारत-अमरीका ड्रग पॉलिसी फ्रेमवर्क शामिल हैं।


क्वाड नेताओं के सम्‍मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वाड स्वतंत्र, खुले, समावेशी और समृद्ध हिन्‍द-प्रशांत के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि क्वाड समूह का महत्‍व परस्पर सहायता, साझेदारी और एक दूसरे के पूरक के रूप में बना रहेगा।

क्वाड नेताओं ने हिंद महासागर में नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री मोदी और भारत की सराहना की। क्वाड एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए, क्वाड नेताओं ने क्वाड विलमिंगटन घोषणा को भी अपनाया। कैंसर मूनशॉट कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भारत जी ए वी आई – वैक्सीन अलायंस और क्‍वाड पहल के तहत हिन्‍द-प्रशांत देशों के लिए चार करोड़ वैक्सीन खुराक का योगदान देगा।

शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। प्रधानमंत्री की यात्रा का एक अन्य आकर्षण अमरीका द्वारा 297 पुरावशेषों की वापसी रहा, जो भारत से चोरी या तस्करी करके ले जाये गये थे। इन्हें शीघ्र ही स्वदेश लाया जाएगा।

यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री ने न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड में नासाउ कोलिज़ीयम में भारतीय-अमरीकी समुदाय के एक बड़े कार्यक्रम में भाग लिया। भारत-अमरीका द्विपक्षीय संबंधों में प्रवासी भारतीयों की भूमिका की सराहना करते हुए श्री मोदी ने कहा कि उनका कौशल और प्रतिभा बेजोड़ है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए पी यू एस एच पी मंत्र भी दिया।

बाद में, प्रधानमंत्री ने एमआईटी, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग द्वारा आयोजित एक गोलमेज सम्मेलन में न्यूयॉर्क में तकनीकी उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों के साथ बातचीत की। यह गोलमेज बैठक मुख्य रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जैव प्रौद्योगिकी और सेमीकंडक्टर तकनीक पर केंद्रित थी। प्रधानमंत्री ने भारत में आर्थिक परिवर्तन, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विनिर्माण, सेमीकंडक्टर, बायोटेक और हरित विकास का उल्लेख किया तथा कंपनियों को इन क्षेत्रों में भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया।

इसके बाद प्रधानमंत्री ने नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी शर्मा ओली, कुवैत के क्राउन प्रिंस शेख सबा खालिद अल-हमद अल-सबा और फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बातचीत की।

यात्रा के तीसरे दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा में भविष्य का शिखर सम्मेलन में श्री मोदी ने कहा कि डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर , बाधा  की बजाय एक सेतु की तरह होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मानवता की सफलता सामूहिक शक्ति में है, युद्ध के मैदान में नहीं। बहुपक्षीय संस्थानों में सुधारों के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता है क्योंकि सुधार ही इनकी प्रासंगिकता बनाये रखने की कुंजी है। संयुक्‍त राष्ट्र महासभा से अलग प्रधानमंत्री ने न्यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर ज़ेलेंस्की से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान के लिए सभी तरह की मदद के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री ने वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव और वियतनाम के राष्ट्रपति टो लाम, आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिन्यान और होली सी कार्डिनल के सेक्रेटरी ऑफ स्‍टेट पिएत्रो पारोलिन के साथ भी बैठकें कीं। इस तरह प्रधानमंत्री की अमरीका की एक अत्यंत सफल यात्रा संपन्न हुई। 


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