प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में प्रौद्योगिकी उद्योगपतियों की बैठक को सम्बोधित किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में प्रौद्योगिकी उद्योगपतियों की बैठक को सम्बोधित किया
प्रधानमंत्री ने कहा है कि 21वीं सदी प्रौद्योगिकी की सदी है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी और लोकतंत्र के बीच संतुलन समय की मांग है। प्रधानमंत्री ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग स्कूल द्वारा आयोजित न्यूयॉर्क में अग्रणी प्रौद्योगिकी कम्पनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ हुई एक गोलमेज बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि तकनीक के बगैर लोकतंत्र संकट का वातावरण सृजित करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत प्रतिभा, लोकतंत्र और बाजार का एक देश है।
प्रौद्योगिकी उद्योगपतियों को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे उन्हें हमेशा आत्मनिर्भर और सशक्त भारत की विकास यात्रा में सहयोगी यात्री और साझेदार के रूप में देखते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत और अमरीका की प्रौद्योगिकी कम्पनियां एकसाथ मिलकर वैश्विक चुनौतियों से निपटने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब विश्व का सबसे बडा लोकतंत्र तेजी से विकसित होता है तो इससे वैश्विक शांति और समृद्धि भी आती है। विकसित भारत की दिशा में भारत की यात्रा का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ के रूप में प्रौद्योगिकी का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उनकी सरकार ने भारत में प्रौद्योगिकी सहयोग और निवेश के लिए अभूतपूर्व संभावनाएं सृजित की हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारतीय शासन न सिर्फ नीति संचालित है बल्कि हर क्षेत्र में निवेशकों को आश्वस्त करने वाली स्थिर और आशानुरूप नीतियों पर आधारित भी है। उन्होंने कहा कि भारतीय सरकार ने सेमीकंडक्टर उद्योग में 15 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। भारत को भी इस क्षेत्र में विश्व से विशाल निवेश प्राप्त हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अपने तीसरे कार्यकाल में भारत विश्व में तीसरी सबसे बडी अर्थव्यवस्था बनने के हरसंभव प्रयास करेगा। उन्होंने सहयोग और नवाचार के लिए भारत की विकास गाथा का लाभ उठाने के प्रति कम्पनियों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि अग्रणी कम्पनियां विश्व के लिए भारत में सह-विकास, सह-डिजाइन और सह-उत्पादन कर सकती हैं। ये कम्पनियां भारत की आर्थिक और प्रौद्योगिकी उन्नति के अवसर का लाभ उठा सकती हैं। उन्होंने बौद्धिक सम्पदा के संरक्षण के प्रति भारत की गहरी वचनबद्धता को लेकर उद्योगपतियों को आश्वस्त किया और प्रौद्योगिकी नवाचार को बढावा देने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने भारत में विशेष रूप से इलेक्ट्रोनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विनिर्माण, सेमीकंडक्टर, जैव प्रौद्योगिकी और हरित विकास के क्षेत्र में आर्थिक परिवर्तन का उल्लेख किया। उन्होंने भारत को जैव प्रौदयोगिकी पावरहाउस के रूप में विकसित करने के लिए भारत की बायो- ई- 3 नीति पर भी चर्चा की।
भागीदारी करने वाले मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने भारत के साथ सहयोग करने और निवेश में गहरी रूचि दिखाई। वैश्विक प्रौद्योगिकी केन्द्र के रूप में भारत की बढती प्रभुता, नवाचार अनुकूल नीतियों और बाजार के बढते अवसरों से प्रेरित है। प्रौद्योगिकी उद्योगपतियों ने इसकी काफी सराहना की। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप में निवेश भारत में नवाचार और नई प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए एक सुअवसर होगा।
इस गोलमेज बैठक में एडोब के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी शांतनु नारायण, गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुन्दर पिचाई, आई बी एम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरविन्द कृष्णा, ए एम डी की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी लीज़ा सू और एक्सेंचर की अध्यक्ष जूली स्वीट शामिल थे।
गोलमेज बैठक के बाद गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी-सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान भारत में परिवर्तन लाने पर है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी का डिजिटल इंडिया विजन है। पिचाई ने कहा कि मोदी ने कंपनियों को भारत में निर्माण और भारत में डिजाइनिंग जारी रखने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि गूगल को इस बात पर गर्व है कि उसके पिक्सल फोन भारत में निर्मित होते हैं। गूगल सीईओ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इस बारे में सोच रहे हैं कि ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-एआई भारत को कैसे बदल सकता है और यह देश के लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि के क्षेत्रों में एआई से जुड़े नये अवसरों का लाभ उठाने का आह्वान किया।
पिचाई ने कहा कि श्री मोदी बुनियादी ढांचे के बारे में भी सोच रहे हैं, चाहे वह डेटा सेंटर, बिजली, ऊर्जा और निवेश हो ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत परिवर्तन कर सके। उन्होंने कहा कि गूगल को भारत के साथ साझेदारी करने और भारत में एआई में मजबूती से निवेश करने पर गर्व है। पिचाई ने कहा कि गूगल ने कई कार्यक्रम और साझेदारियां तय की हैं। गूगल के सीईओ ने कहा कि एआई द्वारा पैदा किए जाने वाले अवसरों के संदर्भ में मोदी का दृष्टिकोण स्पष्ट है, लेकिन वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि एआई भारत के लोगों को लाभ पहुंचाए।
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