प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया

 

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने राष्‍ट्र के 78वें स्‍वतंत्रता दिवस पर देशवासियों को बधाई दी है। लाल किले की प्राचीर से राष्‍ट्र को संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज वो शुभ घडी है कि हम देश की आजादी के लिए प्राणों को त्‍याग करने वालों और आजीवन संघर्ष करने वालों को स्‍मरण करें।




प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष प्राकृतिक आपदा के कारण हम सभी की चिंता बढी है। अनेक लोगों ने अपने परिजन खोये हैं। उन लोगों ने इसका नुकसान झेला है। उन सभी के प्रति हम संवेदना व्‍यक्‍त करते हैं। यह देश उन सभी के साथ खड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्‍ट्र रक्षा और राष्‍ट्र निर्माण करने वाले किसानों, जवानों, युवाओं, माता-बहनों, शोषित और वंचित वर्ग के लोगों की देश के प्रति निष्‍ठा विश्‍व के लिए प्रेरणा है।




प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज आजादी के पहले के दिन भी याद करने का दिन है। गुलामी के दौर का हर दिन संघर्ष का दिन रहा है लेकिन लोग जी-जान से आजादी की जंग लड़ते रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक समय था जब लोग देश के लिए मरने के लिए प्रतिबद्ध थे और आजादी मिली। अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता देश को आजादी दिला सकती है तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता देश को समृद्ध बना सकती है। देशवासियों ने विकसित भारत @2047 के लिए अनगिनत सुझाव दिए हैं। इसमें हर देशवासी का संकल्‍प झलकता है।




प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों ने सुझाव दिया कि बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं में शासन और प्रशासन में क्षमता निर्माण होना चाहिए। कुछ लोगों ने भारत का अंतरिक्ष स्‍टेशन बनाने का सुझाव दिया। कुछ लोगों ने पारंपरिक औषधि और स्‍वास्‍थ्‍य कल्‍याण के क्षेत्र में विकसित देश बनने का सुझाव दिया। कुछ लोगों ने यह सुझाव भी दिया कि देश जल्‍द से जल्‍द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बने। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के पूर्व चालीस करोड़ देशवासियों ने जज्बा दिखाया और वंदे मातरम के नारे के साथ आजादी का सपना साकार करने के लिए लड़े और दुनिया की सबसे बडी ताकत को परास्त किया।




प्रधानमंत्री ने कहा कि वोकल फॉर लोकल मंत्र देश की अर्थव्‍यवस्‍था की वृद्धि का मंत्र बन गया। एक जिला एक उत्‍पाद का मंत्र निर्यात के लिए नया मंत्र बना। देश नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ गया है। जी-20 देशों ने इस क्षेत्र में जितना काम किया है उससे ज्‍यादा काम केवल भारत ने किया है। भारत का फिनटेक विश्‍वभर में प्रशंसा पा रहा है। कोरोनाकाल के दौरान भारत ने विश्‍व को कोरोना की वैक्‍सीन दी। यह वही देश है जब कोई भी इस पर हमला किया करता था लेकिन आज सर्जिकल स्‍ट्राइक और एअर स्‍ट्राइक से आतंकियों का सफाया किया जा रहा है।




प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के 140 करोड नागरिक कंधे से कंधे मिलाकर एक संकल्‍प लेकर चलें तो हर चुनौती को पार कर देश को 2047 तक विकसित बना सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने किसी राजनीतिक मजबूरी के कारण नहीं बल्‍कि नेशन फर्स्‍ट की भावना के साथ सुधार किये हैं। इन सुधारों का सबसे बड़ा उदाहरण बैंकिंग क्षेत्र में सुधार है। हमने बैंकिंग क्षेत्र को संकट से उबारा है और आज भारत के बैंक विश्‍व के मजबूत बैंकों में शामिल हो गये हैं। बैंकिंग सेवा का लाभ गृह ऋण, शिक्षा ऋण, स्‍टार्टअप्‍स, किसान ऋण, विदेश यात्रा के लिए ऋण, पशुपालक, मछलीपालक और रेडी-पटरी वाले बैंक से ऋण लेकर आर्थिक प्रगति कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लिए कुछ लोगों ने स्किल तो कुछ ने प्रौद्योगिकी और कुछ ने मीडिया को ग्‍लोबल बनाने का सुझाव दिया। हमें मोटे अनाज को विश्‍व के लोगों को खाने की टेबल तक पहुंचाना है।




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम सदियों की बेडियों को तोड कर आगे बढे हैं। चाहे वह सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम हो, चाहे शिक्षा क्षेत्र हो, परिवहन क्षेत्र हो या स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र हो, हम सभी में विश्‍व की सर्वोत्‍तम प्रथाओं को शामिल कर आगे बढ़ रहे हैं। हम हर क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को जोड़ रहे हैं और इस तरह से हम विश्‍व में एक नई ताकत बनकर उभरे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब लाल किले से सभी लोगों तक बिजली, स्‍वच्‍छ भारत की बात कही जाए तो लोगों का भरोसा बढ़ता है। यह भारत के अंदर आई नई चेतना का प्रतिबिंब है।




प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को बांध कर रखा गया था, लेकिन हमने अंतरिक्ष क्षेत्र को सभी के लिए पूरी तरह खोल दिया है। सैकड़ों स्‍टार्टअप्‍स वाइबरेंट स्‍पेस बनाने के लिए तैयार हैं और इससे शक्तिशाली राष्‍ट्र का निर्माण हो रहा है। निजी उपग्रहों का प्रक्षेपण हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि जब नीति और नीयत सही होती हैं तो निश्‍चय ही सही परिणाम मिलते हैं और देश का विकास होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद बरसों तक शोषित और वंचित लोगों तक सरकार ने सुविधाएं पहुंचाई हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 में विकसित भारत के समय सामान्‍य लोगों को जीवन में सरकार का हस्‍तक्षेप कम हो, जब लोगों का आवश्‍यकता हो, तो सरकार आगे आए। गरीबों के लिए हमने मुफ्त ईलाज की व्‍यवस्‍था की है। बुनियादी सुविधाओं की दिशा में देश सेचुरेशन पर पहुंच रहा है। सेचुरेशन का अर्थ सौ प्रतिशत होता है और जब यह आता है तो सबका

 साथ और सबका विकास होता है।



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