महाराष्ट्र में 17 लाख सरकारी कर्मचारी करेंगे हड़ताल, कई विभागों में मचेगी उथल-पुथल

 महाराष्ट्र में 17 लाख सरकारी कर्मचारी करेंगे हड़ताल, कई विभागों में मचेगी उथल-पुथल

महाराष्ट्र में राज्य सरकार के करीब 17 लाख कर्मचारी एक बार फिर अपनी पुरानी मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल (Maharashtra Strike News) पर जाने की तैयारी में हैं। राज्य सरकारी कर्मचारी संघ की एक्शन कमेटी की रविवार को मुंबई में अहम बैठक हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बैठक में राज्य सरकार के कर्मचारियों ने काम ठप करने का फैसला लिया है।

सरकारी कर्मचारी संघ ने बैठक में 29 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। राज्य सरकारी कर्मचारी संघ एक्शन कमेटी के मुख्य संयोजक विश्वास काटकर ने बताया कि पुरानी पेंशन के अनुसार नई पेंशन के भुगतान के मुद्दे पर हड़ताल का आह्वान किया है।

सरकारी कर्मचारियों के संघ ने इस संबंध में राज्य सरकार से तत्काल अधिसूचना जारी करने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी कि जब तक अधिसूचना जारी नहीं होगी, राज्य सरकार के लाखों कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे।

सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया- संघ

विश्वास काटकर ने कहा, महाराष्ट्र के 17 लाख सरकारी, अर्ध-सरकारी, शिक्षण, गैर-शिक्षण कर्मचारी 29 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। 11 अगस्त को मुंबई में समन्वय समिति की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार ने पेंशन को लेकर जो वादा किया था, वह अब तक पूरा नहीं हुआ है। सामाजिक व आर्थिक राहत देने के लिए पुरानी पेंशन की तरह पेंशन देने का आश्वासन देने के बावजूद इस संबंध में अधिसूचना जारी नहीं की गयी। इसलिए सभी सरकारी कर्मचारी, शिक्षक चिंतित हैं।

काटकर ने आगे कहा कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर फिर आचार संहिता लागू होने वाले है… ऐसे में सरकार क्या फैसला लेगी और कब तक लेगी, इसे लेकर संदेह बन गया है। इसलिए राज्य सरकार के कर्मचारियों और शिक्षकों का धैर्य खत्म हो गया है और उन्होंने 29 अगस्त से राज्यभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।

सरकारी कर्मचारियों को ओपीएस क्यों चाहिए?

देशभर के सरकारी कर्मचारी पिछले कई वर्षों से पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल करने की मांग कर रहे हैं। दरअसल पुरानी पेंशन योजना 2005 में बंद कर दी गयी थी। ओपीएस के तहत सरकारी कर्मचारी को उनके अंतिम आहरित वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर पेंशन दी जाती है। साथ ही कर्मचारियों को कंट्रीब्यूशन भी नहीं करना पड़ता था। जबकि नई पेंशन योजना (NPS) के तहत राज्य सरकार के कर्मचारी को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान पेंशन के लिए देना पड़ता है और सरकार भी उतना ही योगदान देती है। फिर वह पैसा पेंशन फंड में निवेश किया जाता है और रिटर्न बाजार से जुड़ा होता है। यानि पेंशन कितनी मिलेगी यह तय नहीं है।

No comments

Powered by Blogger.