TDS-TCS नियमों में बदलाव से टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत


आम बजट में नौकरीपेशा लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपए से बढ़ाकर 75,000 रुपए करने और Tax स्लैब में बदलाव से भले ही वेतनभोगी लोगों को मामूली राहत मिलेगी, लेकिन सरकार ने स्रोत पर कर कटौती (TDS) और स्रोत पर एकत्रित कर (TCS) में कई बदलाव कर टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त राहत देने की कोशिश की है। साथ ही मकान मालिकों की तरफ से हो रही टैक्स चोरी को रोकने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किराए से हुई कमाई पर टैक्स के नियमों को बदल दिया है। अब घर के किराए से मिली इनकम को रेंटल इनकम के तौर पर दिखाना होगा।

किराया भुगतान पर कम टीडीएस: बजट में किसी व्यक्ति या एचयूएफ की ओर से एक माह या उसके कुछ हिस्से के लिए किराए के तौर पर 50,000 रुपए से अधिक के भुगतान पर टीडीएस की दर को पहले के 5% से घटाकर 2% करने का प्रस्ताव किया गया है। कई परिवार, खासकर सेवानिवृत लोग किराए की आय पर निर्भर रहते हैं। Tax घटने की वजह से उनके हाथ में किराए का ज्यादा पैसा आएगा। यह बदलाव 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी होगा।



अचल संपत्ति की बिक्री पर टीडीएस: 50 लाख रुपए से अधिक कीमत की आवासीय संपत्ति के खरीदार को चुकाई जाने वाली कीमत का 1त्न हिस्सा टीडीएस काटना होता है। हालांकि, पहले इस तरह के लेनदेन में टीडीएस से बचने के लिए खरीदार या विक्रेता के हिस्से को विभाजित करके बनाया जा सकता था। बजट में स्पष्ट किया गया है कि 50 लाख रुपए से अधिक कीमत की अचल संपत्ति पर टीडीएस काटा जाना चाहिए भले ही संपत्ति में विक्रेताओं या संयुक्त मालिकों की संख्या कितनी भी हो।

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