लेह में तापमान में बढ़ोतरी से फ्लाइट हो रही रद्द

 लेह में तापमान में बढ़ोतरी से फ्लाइट हो रही रद्द

लेह का नाम जेहन में आते ही चारों ओर सफेद बर्फ से लिपटे हुए पहाड़ का ख्याल आता है और अगर फ्लाइट के कैंसिल होने की खबर आपको मिल रही है तो आपके जेहन में ऐसा ही भाव आएगा कि शायद यह सबकुछ बर्फबारी ज्यादा होने के चलते हो रहा है। लेकिन सच तो यह है कि हवाई जहाज की उड़ानें किसी और वजह से रद्द हो रही हैं। इसकी वजह जानकर किसी के भी कान खड़े हो जाएंगे और कोई भी अचरज में पड़ सकता है। आइए हम आपको लेह में हवाई जहाज की उड़ानों की रद्द होने की असली वजह बताते हैं।

कश्मीर की घाटियां इस बार कड़ाके की गर्मी की गवाह बन रही है। यहां पड़ रही गर्मी ने पिछले 25 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। लेह-लद्दाख (Leh Temperature High) में गर्मी से लोगों का बुरा हाल हो रहा है। आप आपको लगेगा कि क्या कश्मीर, लेह और लद्दाख का तापमान कहीं 45 से 50 डिग्री तक नहीं पहुंच गया है। ऐसा नहीं है। लेह की ऊंचाई समुद्र तल से 11,000 फीट है। यहां का तापमान सामान्य तौर पर माइनस 20-21 डिग्री तक पहुंच जाता है। लेकिन इसके उलट यहां इस साल तापमान 35 से 36 डिग्री तक पहुंच गया है और इसके चलते यहां हवाई जहाज की लैंडिंग में मुश्किल पैदा हो रही है। पिछले तीन दिनों में लेह में 13 उड़ानें रद्द करनी पड़ी है। लेह में रविवार को 4 फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं। वहीं शनिवार को दिल्ली से लेह पहुंची एक फ्लाइट लैंड ही नहीं कर पाई। इंडिगो का इस बारे में यह कहना था कि लेह में बाहरी हवा का तापमान ज्यादा होने की वजह से फ्लाइट ऑपरेशन में परेशानी पैदा हो रही है जिसके चलते उड़ानें रद्द की जा रही हैं।

प्लेन को उड़ान भरने में क्यों हो रही परेशानी?

प्लेन उड़ाने के लिए पायलटों को तीन बातों का खास ख्याल रखना पड़ता है। उन्हें मौसम, तापमान, हवा का दबाव का खास ध्यान रखना होता है। आपने देखा होगा कि बहुत ज्यादा तेज बारिश, आंधी व तूफान के दौरान, घने कोहरे के बीच फ्लाइट्स अक्सर रद्द की जाती हैं। विमान चालक को टेक ऑफ करते समय गुरुत्वाकर्षण बल के सिद्दांत को ध्यान में रखकर प्लेन को हवा में ऊपर ले जाना होता है। प्लेन को हवा की मदद से ऊपर ले जाना होता है। पायलट को विमान के वजन के हिसाब से ही एयर प्रेशर की जरूरत होती है। तापमान गर्म होने की वजह से एयरक्राफ्ट को थ्रस्ट मिल नहीं पाता है जिसके चलते विमान को उड़ाने और नीचे लाने में दिक्कत होती है।


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