क्या सत्ता का दूसरा केंद्र स्थापित करने हुआ है ज़्यादा मतदान!
पिपरिया।आम चुनाव में एक ओर चुनाव आयोग से लेकर राजनीतिक दल कम मतदान को लेकर चिंतित है तो वही पिपरिया विधानसभा में क़रीब 72.66 प्रतिशत से भी अधिक हुए मतदान को लेकर तरह-तरह के क़यास लगाए जा रहे है।पूरी लोकसभा सीट में चौंकाते हुए पिपरिया विधानसभा में ही सबसे अधिक मतदान के आँकड़े निकल कर आये है।
सत्ताधारी दल के नेता इसे कार्यकर्ता मैनेजमेंट बताने पर तुले है।तो वही विपक्ष इसे बदलाव की बयार के रूप में प्रचारित कर तात्कालिक ख़ुशी में मग्न होता दिखाई पड़ता है।परंतु पिपरिया विधानसभा के राजनीतिक जानकारो की माने तो यह मतदान ख़ास कर पिपरिया विधानसभा में सत्ता के दूसरे बड़े केंद्र को स्थापित करने के लिए किया गया है।जानकार मानते है की भाजपा प्रत्याशी दर्शन सिंह चौधरी को पार्टी नेता-कार्यकर्ता सत्ता का दूसरा बड़ा केंद्र बनाने पर तुले है।चूँकि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में पिपरिया में विधायक ठाकुरदास नागवंशी एवं नवनीत नागपाल की जोड़ी मज़बूती के साथ सत्ता का पहला केंद्र बन कर उभरी थी।इन दोनों का उस चुनाव में पार्टी के आधे से ज़्यादा नेताओ ने तीखा विरोध किया था।परंतु इसके बाद भी नागवंशी-नागपाल की जोड़ी ने पिछले विधानसभा चुनाव से कही ज़्यादा वोट से जीत दर्ज कर सत्ता के प्रमुख केंद्र पर अपना क़ब्ज़ा जमा लिया था।इसके चलते ही उस समय से विधायक विरोधी काफ़ी चिंतित थे।जिन्हें इस लोकसभा में दर्शन सिंह के रूप में उम्मीद की किरण दिखाई दी।विधायक विरोधी गुट G-5 ने भी दर्शन सिंह के लिए घर-घर जा कर वोट माँगे है।पिपरिया विधानसभा के ऐसे कई गुट जिनकी नागवंशी-नागपाल से पटरी नहीं बैठती है।उन्होंने भी तन-मन-धन के साथ दर्शन सिंह का काम किया है।जानकार इन्ही सभी कारणों से यह मान रहे है की अधिक वोटिंग “सत्ता के दूसरे मजबूत केंद्र को स्थापित” करने के चलते हुई है।
-अग्रवाल से भी बहुत उम्मीद थी लोगों को-
कांग्रेस की 15 महीने की सरकार के बाद सूबे में आई भाजपा सरकार में पार्टी ने ज़िला अध्यक्ष के रूप में माधव अग्रवाल को मनोनीत किया था।उस समय पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता को लगा था की अब कम से कम पिपरिया में तो अग्रवाल सत्ता का दूसरा मजबूत केंद्र बन कर उभरेंगे परंतु न जाने किन कारणों से कुछ ही माह में “संगठन”भी सत्ता के श्रीचरणो में लोट लगाता हुआ दिखाई दिया।अग्रवाल के कार्यकाल के दौरान पार्टी में जनपद-नगर पालिका चुनाव के दौरान हुए घटनाक्रमो और विधानसभा चुनाव में नागवंशी की पैरवी करने के चलते ही पार्टी में अब माधव अग्रवाल की गिनती नागवंशी-नागपाल गुट में ही होने लगी है।इन सभी कारणों के चलते भी इस बार के लोकसभा चुनाव में दर्शन सिंह को ही सत्ता का अगला मजबूत केंद्र माना जा रहा है।
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