Health Tips: अपच-एसिडिटी से बचाने में मददगार ENO कब हो सकता है खतरनाक ?




ENO Side Effects: ENO एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, इसका इस्तेमाल कुछ लोग खाने में एडिटिव के तौर पर भी करते हैं. इडली, डोसा, ढोकला और केक जैसे डिश के बैटर को फॉर्मेट करने के लिए इनो का इस्तेमाल करते हैं. इससे फर्मेंटेशन जल्दी होता है और बैटर फूल जाता है. जिससे डिश सॉफ्ट और स्वादिष्ट होती है. हालांकि, अगर इस तरह के फूड्स में इनो का लगातार इस्तेमाल करते हैं तो यह नुकसान भी पहुंचा सकता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जरूरत पड़ने पर इनो का इस्तेमाल करना सही है लेकिन अगर लगातार इसका इस्तेमाल करते हैं तो यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है.
 
ENO क्या होता है

इनो एक एंटासिड है, जो गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं में राहत पहुंचाता है. यह सोडियम बाइकार्बोनेट, सोडियम कार्बोनेट और साइट्रिक एसिड का मिश्रण है, जब पानी में घुलता है तब Co2 गैस पैदा करता है. पेट के अंदर जाकर ये गैस पेट में अम्ल को बेअसर कर समस्याओं से छुटकारा दिलाती है.
 
ENO के लगातार इस्तेमाल के साइड इफेक्ट्स
 
1. ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है

हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को इनो लेने से बचने की सलाह दी जाती है. लगातार इनो का इस्तेमाल ब्लड प्रेशर को बढ़ा भी सकता है. इसके लॉन्ग टर्म इफेक्ट्स भी देखने को मिल सकते हैं. दरअसल, इनो में सोडियम बाइकार्बोनेट की मात्रा ज्यादा होने से बीपी बढ़ सकता है.
 
2. हार्ट डिजीज

एंटासिड का ज्यादा सेवन हार्ट की समस्याएं बढ़ा सकता है. इससे दिल की कई बीमारियां जन्म ले सकती हैं. एंटासिड में पाया जाने वाला सोडियम कार्बोनेट और सोडियम बाई कार्बोनेट ब्लड प्रेशर बढ़ाता है, जिससे हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ सकता है.
 
3. किडनी हो सकती है प्रभावित

इनो का सीधा प्रभाव किडनी पर भी पड़ता है. अगर इसका लगातार सेवन करते हैं तो किडनी फेलियर का कारण भी बन सकता है. इसलिए एंटासिड का सेवन सीमित मात्रा में ही करने की सलाह दी जाती है, जिससे सेहत पर ज्यादा असर न पड़े.
 
4. एलर्जिक रिएक्शन

इनो का इस्तेमाल लगातार करते हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि इसके एलर्जिक रिएक्शन भी हो सकते हैं, क्योंकि एंटासिड बॉडी में एलर्जिक रिएक्शन ट्रिगर होती है. इसका इम्यून सिस्टम पर भी निगेटिव असर पड़ता है. एंटासिड होने की वजह से इसका ज्यादा सेवन शरीर में एलर्जी और इंफेक्शन पैदा कर सकता है. फूड्स में इसका इस्तेमाल फूड एलर्जी और फूड रिएक्शन का खतरा भी बढ़ाता है.


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