मुख्यमंत्री के आग्रह को सरकारी विभागों ने ही नहीं माना!
राजवर्धन बल्दुआ,भोपाल।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अर्थ आवर को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने शनिवार को आम जनता से रात्रि 8:30 से 9:30 तक लाइट बंद करने का आह्वान किया था।परंतु आम जनता तो छोड़िये प्रदेश के सरकारी विभागों तक ने मुख्यमंत्री यादव की अपील को नहीं माना।शनिवार को रात्रि 8:30 से 9:30 तक प्रदेश के कई सरकारी दफ़्तरो की लाइट जलती नजर आई वही मुख्यमंत्री की अपील पर नगरीय निकाय में स्ट्रीट लाइट को तो बंद किया जा सकता था परंतु ऐसा पूरे प्रदेश में नहीं किया गया।प्रदेश की राजनीति के जानकारो की माने तो अभी भी मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के पास कार्यक्रमों को बड़े इवेंट्स में बदलने वाली टीम नहीं है।यह टीम पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास थी।जो चौहान की छोटी से छोटी अपील को भी जनता का अभियान बना दिया करती थी।
-जनसम्पर्क भी प्रभावी नहीं-
मध्य प्रदेश का जनसम्पर्क मंत्रालय भी मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के पास ही है।मंत्रालय का लाखों-करोड़ का बजट है परंतु इसके बाद भी मुख्यमंत्री की लाइट बंद करने की अपील आम आदमी तक नहीं पहुँच सकी है।जिसके चलते अधिकांश सरकारी विभाग भी अपने दफ़्तरो की लाइट बंद करना ही भूल गए है।जानकारो के अनुसार यदि जनसम्पर्क ठीक से काम करता तो मुख्यमंत्री के निजी रुचि वाले
कार्यक्रम जनता के बीच प्रभावी ढंग से पहुँच सकते है।
-संगठन ने भी नहीं मानी मुख्यमंत्री की अपील-
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अर्थ आवर को लेकर पूरे देश में एक घंटे लाइट बंद करने का निर्णय हर साल लिया जाता है।इसके तहत ही मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने भी लाइट बंद कर पर्यावरण संरक्षण कि संदेश दिया था।परंतु उनके इस अभियान में भाजपा संगठन ने भी कोई योगदान नहीं दिया।प्रदेश की राजधानी में कई बड़े भाजपा पदाधिकारियों के घरो और दफ़्तर पर लाइट चमकती नज़र आई।सूबे के छोटे छोटे गाँव में भाजपा का प्रभावशाली संगठन है परंतु यह आज-कल मुख्यमंत्री यादव की अपील नहीं मानता हुआ दिखाई दे रहा है।
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