Bhopal News: भोपाल गैस पीड़ितों के इलाज के मामले में अवमानना के दोषी एसीएस मोहम्मद सुलेमान को हाईकोर्ट से मिली राहत
MP High Court: जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान के साथ ही केंद्र सरकार के अधिकारियों को राहत दे दी है। इन अधिकारियों को अवमानना का दोषी पाया गया था। सरकार के निवेदन पर हाई कोर्ट ने ताकीद के साथ नरमी बरती। भोपाल गैस त्रासदी मामले में अवमानना याचिका पर हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान सहित राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के अमर कुमार सिन्हा और विजय कुमार विश्वकर्मा को अवमानना का दोषी करार दिया था।
इसके अलावा अन्य अनावेदकों के विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई के आदेश दिये थे। सरकार की ओर से इस आदेश को वापस लेने के लिए हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया गया। प्रशासनिक न्यायाधीश शीलू नागू व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने सुनवाई के बाद इस आदेश को रिकाल करने के निर्देश जारी किए।
मानिटरिंग कमेटी को हर तीन माह में देनी है रिपोर्ट
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2012 में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन सहित अन्य की ओर से दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए पीड़ितों के उपचार व पुनर्वास के संबंध में 20 निर्देश जारी किये थे। इन बिंदुओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित कर मॉनिटरिंग कमेटी का गठित करने के निर्देश भी जारी किये थे। मानिटरिंग कमेटी को प्रत्येक तीन माह में अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट के समक्ष पेश करनी थी। रिपोर्ट के आधार पर ही हाई कोर्ट द्वारा केन्द्र व राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश भी जारी थे।
कमेटी की अनुशंसाओं का पालन नहीं, अवमानना याचिका दायर
मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसाओं का परिपालन नहीं किये जाने के विरुद्ध अवमानना याचिका 2015 में दायर की गयी थी। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान सहित राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के अमर कुमार सिन्हा और विजय कुमार विश्वकर्मा को अवमानना का दोषी करार दिया था। इससे सरकार के होश उड़ गए। इसके बाद सरकार ने हाई कोर्ट में गुहार लगाई सरकार ने कहा कि न्यायालय के आदेश का परिपालन करने पूरे प्रयास किये जा रहे हैं। मानिटरिंग कमेटी की अनुशंसा के परिपालन के लिए समयबद्ध कार्यक्रम निर्धारित किया जा सकता है।
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