क्या होता है श्वेत पत्र, कौन करता है जारी, बजट सत्र में इसे लाने से क्या होगा!

 White Paper: श्वेत पत्र की शुरुआत आज से 102 साल पहले वर्ष 1922 में ब्रिटेन में हुई थी। सरकार के अलावा किसी भी ऑर्गेनाइजेशन, कंपनी, संस्था के द्वारा श्वेत पत्र जारी किया जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सबसे पहले अपने बजट भाषण में एक श्वेत पत्र लाने का आह्वान किया। 2014 से पहले और बाद की आर्थिक स्थिति की तुलना करने वाला सरकार का प्रस्तावित 'श्वेत पत्र' आज लोकसभा में पेश किए जाने की संभावना है। संसदीय वित्त समिति के अध्यक्ष और भाजपा के जयंत सिन्हा ने कहा कि श्वेत पत्र उस दौरान देश की ‘खराब आर्थिक स्थिति’ को उजागर करेगा। साथ ही बताएगा कि मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था में कैसे सुधार किया।

क्या होता है श्वेत पत्र

'श्वेत पत्र' एक सूचनात्मक रिपोर्ट है। यह रिपोर्ट सरकार की नीतियों, उपलब्धियों और मुद्दों पर प्रकाश डालती है। इसकी शुरुआत आज से 102 साल पहले वर्ष 1922 में ब्रिटेन में हुई थी। जानकारी के अनुसार, सरकारी कागजात वितरण के लिए रंग-कोडित होते हैं। इसमें सार्वजनिक पहुंच के लिए सफेद रंग को नामित किया जाता है। बता दें कि सरकारें आमतौर पर मुद्दों पर चर्चा करने, कार्रवाई का सुझाव देने या निष्कर्ष निकालने के लिए किसी विशेष विषय पर एक श्वेत पत्र लाती हैं। श्वेत पत्र किसी भी विषय के बारे में हो सकता है। यह काम करने के तरीके को बेहतर बनाने के लिए सुझाव देता है।

कौन करता है जारी


सरकार के अलावा किसी भी ऑर्गेनाइजेशन, कंपनी, संस्था के द्वारा श्वेत पत्र जारी किया जा सकता है। इसमें वह अपने कर्मचारियों, ग्राहकों या जनता को अपने उत्पादों की विस्तृत जानकारी देती है। इसके साथ ही कई संस्था अपने द्वारा शुरू की गई तकनीक का प्रचार-प्रसार करने के लिए भी श्वेत पत्र करती है। इससे वह आम लोगों तक पहुंचा सके।

क्या-क्या होता है श्वेत पत्र में


आमतौर पर आर्थिक मामलों से जुड़े श्वेत पत्र में सरकार या किसी संस्था की कमियों, उससे होने वाले दुष्परिणामों और सुधार करने के लिए सुझावों जैसे विषय होते हैं। तकनीक से जुड़े श्वेत पत्र में उससे जुड़ी विभिन्न जानकारियां शामिल जैसे उस तकनीक की वजह से मिलने वाली सुविधाएं, उसका उपयोग करने का तरीका और आवश्यक वातावरण, इसकी कीमत, अन्य तकनीक से यह कैसे भिन्न है समेत कई जानकारियां दी गई होती हैं।

सरकार क्यों ला रही है श्वेत पत्र


केंद्र इस बजट सत्र में एक श्वेत पत्र ला रहा है। इसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि 2014 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को संकट की स्थिति में छोड़ने के बाद मोदी सरकार ने कैसे बदलाव लाया। जयंत सिन्हा ने कहा कि श्वेत पत्र में, हम स्पष्ट करेंगे कि अर्थव्यवस्था की स्थिति 2014 से पहले क्या थी। हमने आर्थिक समस्याओं से कैसे निपटा है। इन्होंने दावा किया कि भारत 2013 में नाजुक पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक था।

वित्त मंत्री ने श्वेत पत्र को लेकर क्या कहा


अंतरिम बजट 2024 को पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने श्वेत पत्र लाने का ऐलान किया था। यूपीए सरकार के दौरान लिए गए आर्थिक निर्णयों और देश पर उससे पड़ने वाले दुष्प्रभाव को लेकर ये ऐलान किया गया था। अंतरिम बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा था कि वर्ष 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी, तब भारत संकट में था और अर्थव्यवस्था को टिकाऊ स्थिति में लाने के लिए उन वर्षों के संकट पर काबू पाया।

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