Bandhavgarh Tiger Reserve: बांधवगढ़ के पनपथा में बाघिन के हमले में एक महिला की मौत, दूसरा घायल



Umaria News: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा कोर के चंसुरा बीट में बाघिन के हमले में एक महिला की मौत हो गई जबकि एक अन्य महिला गंभीर रूप से घायल हो गई है। घटना के समय मौके पर पांच महिलाएं थीं जिसमें से तीन महिलाएं बाल-बाल बच गईं हैं। घायल महिला को उपचार के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।



मरने वाली महिला का नाम भूरी बाई पति मिजाजी कोल बताई गई है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बाघिन भूरी बाई को अपने जबड़े में दबाकर जंगल में अंदर की तरफ भाग गई। जबकि गंभीर रूप से घायल तेरसी बाई कोल घटनास्थल पर ही पड़ी रही। घटना स्थल पर तीन अन्य महिलाएं बाघिन के हमले में बाल-बाल बच गई।


लकड़ी लेने गईं थी जंगल


बताया जाता है कि दोनों महिलाएं अन्य लोगों के साथ जंगल में लकड़ी लेने गई थी। इसी बीच झाडि़यों में छिपी बैठी बाघिन ने हमला कर दिया। बाघिन ने पहले तेरसी बाई पर हमला किया था और बाद में उसने भूरी बाई को अपना शिकार बनाया। इसके बाद वह उसे अपने मुंह में भरकर जंगल के अंदर की तरफ भाग गई। घटना की जानकारी लगने के बाद मौके पर गांव के लोग पहुंच गए हैं और वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।


बताया जाता है कि इस घटना के बाद पार्क अमला मौके पर पहुंच गया और जंगल के अंदर बाघिन को तलाश रहा है। घटना स्थल पर गांव के लोगों की भारी भीड़ एकत्र हो गई। सभी इस घटना से भयभीत और आक्रोशित है।



बाघिन के साथ थे दो शावक


बताया गया है कि महिलाओं पर हमला करने वाली बाघिन के साथ उसके दो शावक भी थे जिनकी उम्र लगभग एक सप्ताह से पन्द्रह दिन के बीच की बताई जा रही है। हालांकि शावकों की बताई जा रही उम्र बेहद कम है और अविश्वसनीय भी।


सामान्‍य तौर पर एक सप्ताह से पन्द्रह दिन के शावकों को बाघिन अपने साथ लेकर जंगल में विचरण नहीं करती है। शावकों के दो से तीन महीने के होने के बाद ही वह उन्हें जंगल में अपने साथ लेकर निकलती है। अनुमान लगाया जा रहा है कि जहां घटना हुई है संभवत: वहीं पर बाघिन ने अपने शावकों को जन्म दिया होगा। हालांकि अभी वन विभाग इस मामले को लेकर खुद भी कुछ ज्यादा ही असमंजस में है।

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