Shivraj Singh Chouhan: दिल्‍ली में जेपी नड्डा से मिले शिवराज सिंह चौहान, नई भूमिका पर हुई बात




Shivraj Singh Chouhan:
भोपाल। मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में संभावित मंत्रियों के नामों पर चर्चा के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक पुनर्वास भी जल्द हो सकता है। पार्टी हाईकमान ने चर्चा के लिए उन्हें दिल्ली बुलाया है। शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड़्डा से मुलाकात की। शिवराज इस मुलाकात के लिए मंगलवार दोपहर पहुंचे।शिवराज ने खुद बताया कि वह दक्षिण के राज्यों में जाएंगे। इससे यह माना जा रहा है उन्हें दक्षिण के किसी राज्य का लोकसभा चुनाव के लिए प्रभारी बनाया जा सकता है। बड़ा जनाधार वाले नेता होने के चलते लोकसभा चुनाव में पार्टी मप्र व अन्य राज्यों में उनका उपयोग कर सकती है।



मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में श‍िवराज ने कहा कि नड्डा से मध्‍य प्रदेश मंत्रिमंडल के साथ ही अन्‍य विषयों पर भी चर्चा हुई। उन्‍होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में मेरी जो भी भूमिका तय होगी उस पर काम करूंगा। उन्‍होंने कहा कि मोहन यादव मप्र के मुख्‍यमंत्री हैं। हमें उनके साथ काम करना है।


इस मौके पर श‍िवराज ने मप्र की विकास यात्रा का भी उल्‍लेख किया। मैं अपने बारे में कभी नहीं सोचता।अगले काम के बारे में चर्चा हुई, मेरा काम पार्टी तय करेगी। पार्टी का काम मेरे लिए मिशन है।


मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने नड्डा से मुलाकात पर कहा कि एक पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी मेरे लिए जो भी भूमिका तय करेगी, वह काम मैं करूंगा, मैं राज्य के साथ-साथ केंद्र में भी रहूंगा। यदि आप किसी बड़े मिशन पर काम कर रहे हैं, तो पार्टी ही तय करती है कि आप कहां काम करेंगे.


उन्होंने कहा, फिलहाल विकसित भारत संकल्प यात्रा में मेरे कार्यक्रम बनेंगे उनमें मैं जाऊंगा। बाकी राष्ट्रीय अध्यक्ष जी जैसा तय करेंगे, जिस भूमिका में वह रखेंगे। मैं कहां रहूंगा, यह कभी नहीं सोचता। पार्टी के माध्यम से देश की सेवा कैसे कर सकूं और प्रधानमंत्री के मिशन को किस तरह आगे बढ़ा सकूं उसी काम में मैं निरंतर लगा रहूंगा।


माना जा रहा है कि जेपी नड्डा से भेंट के बाद शिवराज सिंह की नई जिम्मेदारी को लेकर निर्णय हो सकता है। उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है या फिर कुछ महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। वह इससे पहले भी पार्टी में राष्ट्रीय सचिव व अन्य दायित्व निभा चुके हैं। पांच बार सांसद रहने के कारण उन्हें लोकसभा चुनावों का भी अच्छा अनुभव है।


बता दें, संभावित मंत्रियों के नामों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा ने रविवार को दिल्ली में जेपी नड्डा और अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके पहले नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और कैलाश विजयवर्गीय ने दोनों नेताओं से भेंट की थी। यहां शिवराज नहीं थे। तभी से यह माना जा रहा था पार्टी हाईकमान उनसे अलग से बात करेगा।


मंत्रिमंडल विस्तार पर भी हुई चर्चा


नड्डा और शिवराज के बीच प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी चर्चा हुई है। नड्डा ने इस संबंध में उनसे भी राय ली है। शिवराज ने कहा-अब मप्र में मोहन यादव मुख्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री होने के नेता वह मेरे भी नेता है, क्योंकि मैं विधायक हूं और वह विधायक दल के नेता हैं। भाजपा में कोई छोटा बड़ा नहीं होता। वह योग्य एवं कर्मठ कार्यकर्ता हैं। मुख्यमंत्री के नाते मैंने जो काम शुरू किए थे उन्हें वह आगे बढ़ाएंगे।


मोहन यादव मुख्यमंत्री बने, यही पीढ़ी परिवर्तन हैः शिवराज


विधानसभा में सोमवार को मीडिया से बातचीत में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीढ़ी परिवर्तन हुआ है। यह स्वाभाविक प्रक्रिया है जो दोनों पक्षों में देखने को मिल रही है। डा. मोहन यादव मुख्यमंत्री हैं तो उमंग सिंघार नेता प्रतिपक्ष। इसे बहुत सकारात्मक रूप में लेना चाहिए। मुझे पूरा विश्वास है कि डा. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयां छुएगा। मैंने लगभग 17 वर्ष मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश की जनता की सेवा की।

विकास हो या जनकल्याण, मुझे संतोष और गर्व है कि अपनी जनता के लिए और प्रदेश के विकास के लिए मैं बहुत काम कर पाया। स्वाभाविक तौर पर राज्य के नागरिक के नाते मेरी यही इच्छा है कि मोहन यादव के नेतृत्व में मुझसे बेहतर काम हो। जिस तरह से नई सरकार ने काम शुरू किया है वह आनंद और प्रसन्नता देने वाला है। विधायक दल का नेता होने के नाते वह मेरे भी नेता हैं। मैं सभी को सक्रिय सहयोग करूंगा।

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