Parliament Security Breach: पीएम मोदी ने मंत्रियों से कहा- गंभीरता से लें, राजनीति में पड़ने की जरूरत नहीं



Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (14 दिसंबर) को केंद्रीय मंत्रियों को निर्देश दिए हैं. एबीपी न्यूज को सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी ने मंत्रियों से कहा कि वो मामले को गंभीरता से लें और मामले को लेकर राजनीति में ना पड़े. हम सभी को सावधानियां बरतनी होगी. 


मामले को लेकर कांग्रेस समते अन्य विपक्षी दल दोनों सदनों (राज्यसभा और लोकसभा) में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान देने की मांग कर रहे हैं. इस कारण राज्यसभा और लोकसभा में हंगामा हुआ.  सदन में आसन की अवमानना और अनादर को लेकर कांग्रेस के टीएन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या सहित विपक्ष के 14 सदस्यों को शीतकालीन सत्र के बचे हुए दिन के लिए निलंबित कर दिया गया.  वहीं राज्यसभा से टीएमसी के सांसद डेरेक ओब्रायन को निलंबित किया गया. 


कौन निलंबित हुआ?

पहले कांग्रेस के पांच सदस्यों टीएन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस को सदन से निलंबित किया गया.  इसके बाद कांग्रेस के वीके श्रीकंदन, बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद और मणिकम टैगोर, डीएमके की कनिमोई और एसआर प्रतिबन, माकपा के एस वेकटेशन, पी आर नटराजन और  केके. सु्ब्बारायन के निलंबन का प्रस्ताव सदन में पारित हुआ. 


सरकार ने क्या कहा?

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हंगामे पर कहा, ‘‘हम सब सहमत हैं कि कल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना लोकसभा सदस्यों की सुरक्षा में गंभीर चूक थी.  इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष के निर्देश पर उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी गई है.'' 


विपक्ष हमलावर

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा में बुधवार (13 दिसंबर) को कई सवाल उठाते हुए कहा था कि सुरक्षा में सेंध का काफी गंभीर मामला है. ऐसे में अमित शाह को सदन के भीतर बयान देना चाहिए. इस पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि कांग्रेस समेत अन्य दल राजनीति कर रहे हैं. राजनीति नहीं करके हमें देश को एकजुटता का संदेश देना चाहिए. इसके बाद विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' ने सदन से वॉकआउट कर दिया था. 


दरअसल, लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग- सागर शर्मा और मनोरंजन डी बुधवार (13 दिसंबर) को सदन के भीतर कूद गए. दोनों ने इस दौरान केन के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया. इस बीच कुछ सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया. वहीं दूसरी ओर अमोल शिंदे और नीलम देवी ने संसद परिसर के बाहर केन से रंगीन धुआं छोड़ा और तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाए. 

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