Pain Killler: पीरियड्स के दर्द से परेशान होकर आप भी लेती हैं पेनकिलर टेबलेट्स?



Pain Killler: पीरियड्स के दौरान तेज दर्द आपकी लाइफस्टाइल को काफी हद तक प्रभावित कर सकती है. सिर्फ इतना ही नहीं यह स्ट्रेस या तनाव को भी काफी ज्यादा बढ़ा सकता है. पीरियड्स में होने वाले दर्द कम और ज्यादा दोनों तरह के दर्द हो सकते हैं. आज हम इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे कि पीरियड्स में पेनकिलर दवा शरीर के लिए कितना ज्यादा नुकसानदायक होता है. साथ ही बताएंगे कैसे नैचुरल तरीके से दर्द से राहत पा सकते हैं. मासिक धर्म की परेशानी आपके शरीर द्वारा स्रावित होने वाले 'प्रोस्टाग्लैंडिंस' का परिणाम है. जो गर्भाशय से ब्लड को बाहर निकालने का काम करता है. इंस्टीट्यूट फॉर क्वालिटी एंड एफिशिएंसी इन हेल्थ केयर (IQWiG) के अनुसार, 100 में से 10 महिलाओं को इतना गंभीर दर्द होता है कि इसकी वजह से उनकी रोजमर्रा की जिंदगी काफी ज्यादा प्रभावित होती है. 




पीरियड्स में पेनकिलर दवाएं कैसे काम करती है?


पीरियड में खाने वाली ज्यादातर पनेकिलर दवाएं गर्भाशय की मांसपेशियों को आराम देकर काम करती हैं जिससे दर्द से राहत मिलती है. लेकिन अगर आप हर बार पीरियड्स में पेनकिलर दवा खा रहे हैं तो आपको प्रोस्टाग्लैंडीन को कम करके दर्द में राहत देती है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक पीरियड्स के दौरान ज्यादा दवाई खाना बिल्कुल भी जरूर नहीं है. असहनीय दर्द होता है तो एक या 2 दिन तक 8घंटे के गैप पर दवा लें. इसे अगर अधिक मात्रा में लिया जाएगा तो सिर दर्द, पेट दर्द या गुर्दे को नुकसान पहुंच सकता है. 


पीरियड्स में कब लेनी चाहिए दवाई

हेल्थ एक्सपर्ट या स्त्री रोग विशेषज्ञ से बिना पूठे पीरियड्स में दवा खाना शुरू न करें. पीरियड्स के दौरान दर्द और ऐंठन एक वक्त के बाद ज्यादा मुश्किलें पैदा कर सकती है. अगर आप काफी ज्यादा दवा पेनकिलर खाते हैं तो आगे जाकर कब्ज की समस्या हो सकती है. 

एसिड रिफ्लक्स और पेट दर्द गैस्ट्राइटिस के कारण दर्द निवारक दवाएं लेने के साइडइफेक्ट्स हैं.कुछ मामलों में यह पेट के अल्सर का कारण भी बन सकता है.मासिक धर्म के दौरान गोली लेने के बाद आपको चक्कर भी आ सकता है. जिसके कारण काम पर ध्यान देना मुश्किल है.  


पेट की बीमारी-सीने में जकड़न और कफ जमना


यदि दवा लेने के बाद भी पीरियड्स के दर्द में आराम नहीं मिला गै तो आपको इससे जुड़ी कई तरह की परेशानी हो सकती है. एंडोमेट्रियोसिस, फाइब्रॉएड या डिम्बग्रंथि अल्सर जैसी अंतर्निहित स्थिति हो सकती है जिसकी जांच की आवश्यकता है.

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