भाई दूज कल, राशि अनुसार भाई को करें तिलक, स्वस्थ और दीर्घायु रहेगा भैया



 अटूट स्नेह, पवित्र रिश्ते तथा विश्वास के बंधन का प्रतीक त्यौहार है, ‘भैयादूज, जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया, बुधवार 15 नवम्बर के दिन है, साथ ही इस दिन अतिगंड और पराक्रम योग भी है, इसे यम द्वितीया भी कहते हैं.



इस दिन बहनें भाईयों के स्वस्थ तथा दीर्घायु होने की मंगलकामना करते हुए उन्हें तिलक लगाती हैं. इस दिन भाई द्वारा बहन के घर जाकर वहां भोजन करने का विधान है.


किसने मनाया पहला भाई दूज ?


भाई दूज के दिन सूर्य की पुत्री यमुना ने सबसे पहले अपने भाई यमदेव को भोजन कराकर तिलक लगाया था, इसलिए इस त्यौहार को ‘यम द्वितीया‘ भी कहा जाता है. इस पांचवे पर्व के साथ दीपोत्सव के पंच पर्वों की समाप्ति होती है. यदि धनतेरस के दिन कोई व्यक्ति यमदीप जलाना भूल जाएं तो इस दिन भी यमदीप जलाया जा सकता है. इस दिन सांयकाल पर 09 दीप प्रज्जवलित करें और नौ ही ग्रहों से यह प्रार्थना करें कि मेरे जीवन के प्रत्येक भाव में आपकी कृपा स्थापित हो, जो इस ज्योत की तरह मेरे जीवन को प्रकाशमान करती रहे.



भाई दूज 2023 मुहूर्त


इस बार भाईदूज के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर सुबह 10 बजकर 30 मिनट से दोपहर 12 बजे तक. फिर शाम को 5 बजकर 15 मिनट से 6 बजकर 15 मिनट तक रहेगा. इसके बीच ही भाई-बहन का ये त्यौहार मनाएं तो श्रेष्ठ रहेगा.


भाई दूज की पूजा विधि 


तिलक सही दिशा में बैठकर ही करें. बहनें पूर्व की तरफ मुख करके बैठें और भाई उत्तर की तरफ मुख करके बैठें.


भाई के स्वस्थ तथा दीर्घायु के लिए करें-इस दिन बहन अपने भाई की लम्बी आयु एवं सुखमय जीवन के लिए एक हरा रंग का रूमाल या वस्त्र लें.


उसमें तीन मुठ्ठी हरे साबुत मूंग, एक ईलायची, एक लौंग, पांच गोमती चक्र और थोड़ी दूर्वा डालकर उसमें तीन गांठ बांध दें और फिर उसे अपने भाई के ऊपर से सात बार उसार दें.


उसारने के पश्चात् अपने घर के ईषान कोण में रखकर उसके समक्ष गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजे कृष्ण को, ज्यों ज्यों गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े फले-फुलें इस मंत्र का 11 या 21 बार जाप करें.


अब निवेदन करें कि मेरे भाई को सभी तरह के कष्टों से मुक्त करके सुख-समृद्धि व शांति प्रदान करें. ऐसी प्रार्थना करने के पश्चात् उस पोटली को पीपल के पेड़ में डाल दें.


भूलकर भी आज के दिन बहन या भाई काले वस्त्र न पहनें.


भाई को तिलक करने से पहले बहनें अन्न ग्रहण न करें. बल्कि तिलक के बाद साथ में बैठकर भोजन करें.



  भाई दूज के दिन यदि बहनें अपने भाई की राशि के अनुसार तिलक लगाएं तो ज्यादा शुभ फलदायी रहेगा-


मेष राशि - यदि आपके भाई की राशि मेष है, तो उसको केसरिया तिलक लगाएं.

वृषभ राशि - आपके भाई की राशि वृषभ है तो केसरिया रंग में थोड़ी हल्दी मिलाकर तिलक करें.

मिथुन राशि - यदि आपके भाई की राशि मिथुन है, तो लाल रंग के सिन्दूर से तिलक करें.

कर्क राशि - आपके भाई की राशि कर्क है तो केसरिया रंग में थोड़ी हल्दी मिलाकर तिलक करें.

सिंह राशि - आपका भाई सिंह राशि का है, तो केसरिया तिलक लगाएं.

कन्या राशि - यदि आपके भाई की राशि कन्या है तो लाल रंग के सिन्दूर से तिलक करें.

तुला राशि - आपके भाई की राशि तुला है तो केसरिया रंग में थोड़ी हल्दी मिलाकर तिलक करें.

वृश्चिक राशि - आपका भाई वृश्चिक राशि का है, तो केसरिया तिलक लगाएं.

धनु राशि - यदि आपके भाई की राशि धनु है तो हल्दी का तिलक लगाएं.

मकर राशि - भाई की राशि मकर है तो लाल रोली में चन्दन मिलाकर तिलक करें.

कुंभ राशि - आपके भाई की राशि कुंभ है तो लाल रोली में चन्दन मिलाकर तिलक करें.

मीन राशि - यदि आपके भाई की राशि मीन है तो उसे हल्दी का तिलक लगाएं.

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