ठंड में जरूर करें गराडू का सेवन, शरीर को होंगे ये फायदे



मौसम के राजा ‘गराडू’ की आवक शुरू हो गई है। हालांकि शीत ऋतु ने अभी तक अपने तेवर नहीं दिखाए हैं, लेकिन शौकीनों ने गराडू के जायके का लुत्फ उठना शुरू कर दिया है। आवक बढ़ने के साथ ही मालवा की माटी में उत्पादित गराडू देश के कई स्थानों पर अपने अनूठे स्वाद के चलते धूम मचाएगा।



गराडू सेवन के फायदे

गरमागरम गराडू सर्दी की शाम-रात में खाने से आपको न केवल लाजवाब स्वाद मिलता है। गर्माहट के साथ-साथ शरीर के लिए आवश्यक ऊर्जा भी देता है।


यह फाइबर यानी रेशे से भरपूर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। खास तौर से यह बुरे कोलेस्ट्राल को हटाने में मदद करता है। इसके अलावा फाइबर आपके पाचन तंत्र को भी बेहतर बनाता है और कब्ज में फायदेमंद होता है।


गराडू कॉपर, आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, मैंगनीज, फास्फोरस के अलावा कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो आपके स्वास्थ्य और सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।


गराडू में विटामिन्स के साथ एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में होते हैं, जो न केवल मानसिक तनाव को कम करते हैं, अपितु आपको जवां दिखने में भी मदद करता हैं। यह झुर्रियों के आने की प्रक्रिया को धीमा करने में सहायक है।


रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए भी गराडू फायदेमंद हैं। इसके अलावा यह हड्डियों के विकास में भी सहायक हैं और शरीर की चोट या फिर घाव को जल्दी भरने में सहायक है।


जिले के इन गांवों में हो रहा उत्पादन


मालवा की हृदय स्थली रतलाम में तीन दशक पहले खेतलपुर के प्रगतिशील किसान रामचंद्र धाकड़ ने गराडू उत्पादन की शुरुआत की थी। वर्तमान में खेतलपुर सहित बांगरोद, शंकरगढ़, धमोत्तर, अम्बोदिया, रत्तागढ़खेड़ा, आलनिया, रूपाखेड़ा, मांगरोल आदि स्थानों पर सैकड़ों किसान गराडू का उत्पादन कर रहे हैं।


गुजरात-राजस्थान में भी रहती है मांग


शीत ऋतु में मेवे के रूप में उपयोग होने वाले गराडू की मांग हर जगह रहती हैं। जिले में उत्पादित गराडू इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, भोपाल, दिल्ली, बड़ौदा, अहमदाबाद, बांसवाड़ा आदि स्थानों पर भेजा जाता है।

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