मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने का काम जारी, परिजन को अंदर भेजा गया



 उत्तरकाशी। उत्तराखंड में सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की कवायद पूरी कर ली गई है। ताजा खबर यह है कि किसी भी वक्त मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है। रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे कर्मचारियों ने जयकार लगाए और विजय का साइन दिखाया है। इसके बाद एक-एक कर कई एंबुलेंस अंदर भेजी गई। डॉक्टर भी तैनात है। किसी भी वक्त एक-एक कर मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है। एक मजदूर को निकालने में तीन से चार मिनट का समय लगेगा।




रेस्क्यू ऑपरेशन का 17वां दिन, जानिए आज क्या-क्या हुआ


मजदूरों के परिजन को अंदर भेजा गया है। ये परिजन अलग-अलग प्रदेशों से आए थे। इन्हें गेट पास जारी किए गए थे।

बाबा बौख नाग जी की असीम कृपा, करोड़ों देशवासियों की प्रार्थना एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हो चुका है। शीघ्र ही सभी श्रमिक भाइयों को बाहर निकाल लिया जाएगा। 

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड



मजदूरों का सुरंग के भीतर ही स्वास्थ्य परीक्षण होगा। सुरंग के भीतर जहां मजदूर फंसे हैं, वहां का तापमान लगभग 30 से 35 डिग्री है, जबकि सुरंग के बाहर सिलक्यारा का वर्तमान तापमान 10 डिग्री के आसपास है। यही भी एक कारण है कि मजदूरों को एकदम से बाहर नहीं लिया जाएगा।


उत्तरकाशी जिला अस्पताल सहित सभी निजी अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। ऋषिकेश एम्स, जौलीग्रांट हिलालयन अस्पताल, देहरादून मैक्स अस्पताल को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। सभी को कहा गया कि किसी भी आपात स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार रहें। यदि किसी मजदूर की तबीयत ज्यादा खराब हुई, तो एयरलिफ्ट कर लाया जाएगा।


(सिलक्यारा सुरंग के बाहर तैनात एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान।)


सिलक्यारा घटनास्थल से उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर श्रमिकों की एंबुलेंस ले जाई जाएंगी।


सुरंग के भीतर एंबुलेंस को बैक करते हुए लगाया गया। मुख्य सुरंग में भीतर 200 मीटर पर आया था मलबा। वहीं से बनाई गई है अस्थायी निकासी सुरंग। सबसे पहले उम्रदराज और अस्वस्थ दिखने वाले श्रमिकों को बाहर निकाला जाएगा।


मजदूरों के साथ ही उनके परिजन को भी बता दिया गया है कि आज रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों से बात की और ताजा अपडेट के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी दी।




अभी दो तरफा खुदाई की जा रही है। एक वर्टिकल और दूसरी होरिजेंटल। होरिजेंटल खुदाई मैन्युल की जा रही है।



20 मजदूरों की टीम बारी-बारी से यह काम कर रही है। अब तक 52 मीटर की निकासी सुरंग तैयार की जा चुकी है। सबकुछ ठीक रहा तो 58 या 60 मीटर की खुदाई के बाद फंसे मजदूरों तक पहुंचा जा सकेगा। इस तहर मंगलवार शाम तक अच्छी खबर खाने की उम्मीद बढ़ गई है।


बाहर निकलते ही मजदूरों को अस्पताल ले जाया जाएगा


इस बीच, फंसे हुए 41 मजदूरों के परिजनों को उनके कपड़े और बैग के साथ तैयार रहने को गया है। मजदूरों को रेस्क्यू कर बाहर निकालकर चिन्यालीसौड़ अस्पताल ले जाया जाएगा।



आज 17वां दिन है जब सुरंग में मजदूर फंसे हैं और उन्हें निकालने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।


सुरंग के अंदर रैट माइनर्स द्वारा मलबे को भेदकर बनाई जा रहे निकास सुरंग का कार्य तेजी से चल रहा है। यह टीम ने करीब 4 मीटर खोदाई कर चुकी है। इस तरह अब टास्क 52 मीटर निकास सुरंग तैयार हो चुकी है।


श्रमिकों तक पहुंचने के लिए 58 से 60 मीटर सुरंग बनाई जानी है। इसके अलावा सुरंग के ऊपरी भाग से भी वर्टिकल ड्रिलिंग जारी है।‌ अब तक 42 मी ड्रिलिंग हो चुकी है। यहां से 88 मीटर ड्रिलिंग होनी है। वर्टिकल ड्रिलिंग कुल 88 मीटर होनी है, इसमें से 42 कर ली गई है।

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