मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का निशाना, बोले- मप्र को बदनाम करते हैं कमल नाथ, किसे बताया कांग्रेस का जय और वीरू


 भोपाल। मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री श‍िवराज सिंह ने कमल नाथ पर न‍िशाना साधा है। श‍िवराज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कमल नाथ मध्‍य प्रदेश का अपमान करते हैं।


कमलनाथ जी का ये प्रदेश है ही नहीं


उनको मध्यप्रदेश से लगाव है ही नहीं


उनका नरा मध्यप्रदेश में गड़ा ही नहीं है



वो मध्यप्रदेश को बदनाम करते हैं...

उन्होंने प्रदेश को चौपट प्रदेश कहकर मध्यप्रदेश और यहां की जनता का अपमान किया है।

उन्‍होंने कहा कि कमल नाथ जी का ये प्रदेश है ही नहीं। उनको मध्यप्रदेश से लगाव है ही नहीं। उनका नरा मध्यप्रदेश में गड़ा ही नहीं है। वो मध्यप्रदेश को बदनाम करते हैं।


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि कमल नाथ ने मध्‍य प्रदेश को चौपट प्रदेश कहकर मध्यप्रदेश और यहां की जनता का अपमान किया है। उन्‍होंने सवाल किया कि कमल नाथ जी आप मध्यप्रदेश का अपमान क्यों कर रहे हैं ?


अपमान बर्दाश्‍त नहीं करेगी जनता

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश कमल नाथ का राज्य नहीं है। अगर उन्हें मुझसे राजनीतिक बैर है तो आप मेरा अपमान करें। इस प्रदेश को आप चौपट करने की कोशिश करते थे। इन्होंने मध्य प्रदेश और देश का अपमान किया है जिसे जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।


बोले-जय और वीरू की जोड़ी लूट के माल के लिए झगड़ रही

कमल नाथ और दिग्विजय सिंह को दिल्‍ली बुलाए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि ये जय और वीरू की जोड़ी है, जिसे दिल्ली बुलाया गया। अब वो कहते हैं कि भाजपा भ्रम फैला रही है, तो दिल्ली क्यों बुलाया जा रहा है? उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस के जय और वीरू झगड़ रहे हैं आपस में और ये लड़ रहे हैं लूट के माल के लिए।


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि पहले 2003 तक मिस्टर बंटाधार ने पूरे प्रदेश को लूटा और बर्बाद कर दिया। सवा साल में कमल नाथ जी ने भी लूट का अड्डा बना दिया था। अब आगे कौन लूटे, कितना लूटे और उसमें कितनी हिस्सेदारी हो, झगड़ा केवल इस बात का है। क्या दिल्ली भी इसमें शामिल है?


क्या निजी विमान से कोई किसान, मजदूर चलता है

कमल नाथ द्वारा उद्योगपति व सेठ कहने पर आपत्ति जताने को लेकर उन्होंने कहा कि मैं कमल नाथ जी को सेठ न कहूं तो क्या मजदूर, फसल काटने वाला, गिट्टी-मिट्टी उठाने वाला कहूं। वे स्वयं कहते हैं कि मैं निजी विमान में घूमता हूं। अब निजी विमान किसान, मजदूर और गरीब के पास नहीं होता है। उनका एक पांव देश में तो दूसरा विदेश में रहता है। सेठ को सेठ कहने में भला क्या आपत्ति है।

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