एमबीडी सुधार प्रक्रिया विकासशील देशों के लिए जरूरी - सीतारमण
माराकेच (मोरक्को) 14 अक्टूबर | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि § जी20 विचार-विमर्श से निकलने वाली बहुस्तरीय विकास बैंक (एमडीबी) सुधार प्रक्रिया उन्हें विकासशील देशों में निवेश को अधिकतम करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगी, जिसमें निजी क्षेत्र के साथ सह-निवेश बढ़ाना भी शामिल है। श्रीमती सीतारमण अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक के इजर यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि §भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान समावेशिता और सर्वसम्मति से अफ्रीकी संघ को जी20 में स्वीकार करना, हरित विकास संधि को अपनाना, बेहतर, बड़े और अधिक प्रभावी बहुस्तरीय विकास बैंकों (एमडीबी) के लिए सुधारों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता और बैठक करना शामिल था। सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्रगति में तेजी लाने की तत्काल आवश्यकता पर सदस्य देशों का ध्यान आकर्षित किया गया। एसडीजी के वित्तपोषण और 2030 तक एसडीजी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सार्वजनिक संस्थानों के साथ हाथ मिलाने की वकालत करते हुये उन्होंने कहा कि §दिल्ली घोषणा में, इस बात पर प्रकाश डाला गया कि एसडीजी पर वैश्विक प्रगति सुस्त है और केवल 12 प्रतिशत लक्ष्य ही अबतक हासिल किया जा सका है।
भारत ने अपनी अध्यक्षता में सभी जी20 सदस्यों से सामूहिक रूप से 2030 एजेंडा को पूरी तरह और प्रभावी ढंग से लागू करने और समयबद्ध तरीके से एसडीजी की दिशा में प्रगति में तेजी लाने का संकल्प लेने का आह्वान किया है।
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