भोपाल जिले में तीन सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी घोषित, मंत्री विश्वास सारंग को टक्कर देंगे मनोज शुक्ला


भोपाल । नवरात्र के पहले दिन रविवार को कांग्रेस ने प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में 144 सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। इनमें भोपाल की नरेला, भोपाल (मध्य) और बैरसिया विधानसभा क्षेत्र भी शामिल हैं। नरेला से कांग्रेस ने मनोज शुक्ला के नाम पर दांव लगाया है | वहीं मध्य से एक बार फिर आरिफ मसूद पर कांग्रेस ने भरोसा जताया है। बैरसिया से जयश्री हरिकरण को भी फिर से टिकट दिया है।



नरेला में वर्ष-2018 में महेंद्र सिंह चौहान चुनाव लड़े थे। इस बार कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला को टिकट दिया है। कांग्रेस ने तीनों टिकट सर्वे के आधार पर दिए हैं। जो जनता से जुड़ा, उन्हें टिकट दिया गया है। वहीं भाजपा पहले से ही मध्य विधानसभा क्षेत्र से ध्रुव नारायण सिंह, नरेला से मंत्री विश्वास कैलाश सारंग और बैरसिया से विष्णु खत्री को चुनाव मैदान में उतार चुकी है। अभी भाजपा ने दक्षिण-पश्चिम से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। इधर कांग्रेस ने गोविंदपुरा, हुजूर, उत्तर, दक्षिण-पश्चिम से प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। ऐसे में अभी तक जिले की तीन विधानसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस से आमने-सामने कौन-कौन उम्मीदवार होंगे, यह तय हो सका।

नरेला क्षेत्र - ये होंगे आमने सामने

भाजपा - विश्वास कैलाश सारंग

नरेला सीट से वर्तमान विधायक और प्रदेश सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री हैं। भाजपा की ओर से राज्यसभा सदस्य रहे स्वर्गीय कैलाश सारंग के छोटे बेटे हैं। नरेला विधानसभा क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ है। यही से जीतकर मंत्री बने हैं।


कांग्रेस - मनोज शुक्ला

क्यों टिकट मिला - क्षेत्र में सक्रिय हैं। महिलाओं को धार्मिक यात्राएं कराने से लेकर स्वयं अपने पैसों की लोगों की मदद करते हैं। भाजपा सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते। नरेला विधानसभा क्षेत्र में उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है| इसलिए कांग्रेस ने इस बार उन पर भरोसा जताया है।

मध्य विधानसभा क्षेत्र - मूसद व ध्रुव के बीच सीधी टक्कर

भाजपा - ध्रुव नारायण सिंह

क्यों टिकट दिया - ध्रुव नारायण सिंह पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय गोविंद नारायण सिंह के बेटे हैं। वो 2008 विधानसभा चुनाव में मध्य विधानसभा से चुनाव लड़े। विधायक बने। वर्ष 2013 में भाजपा ने उनका टिकट काट दिया था। उनकी जगह सुरेंद्रनाथ सिंह मम्मा को टिकट दिया। उन्होंने भी जीत दर्ज की। वहीं 2018 में सुरेंद्र मम्मा कांग्रेस प्रत्याशी आरिफ मसूद से हार गए। अब भाजपा ने फिर ध्रुव नारायण पर भरोसा जताया है।

कांग्रेस - आरिफ मसूद

क्यों दिया टिकट - कांग्रेस ने एक बार फिर वर्ष-2018 विधानसभा चुनाव में जीतने वाले विधायक आरिफ मसूद पर विश्वास जताया है। मसूद मुस्लिम समुदाय में लोकप्रिय हैं। उनकी पकड़ हिन्दू आबादी में भी है। विधायक रहते हुए क्षेत्र में विकास कार्य कराए हैं। उन पर कोई ऐसा गंभीर आरोप नहीं लगा। उनकी सक्रियता पूरे क्षेत्र में रहती है। सर्वे में उनको अच्छे अंक मिले और कांग्रेस ने फिर से प्रत्याशी बनाया।

बैरसिया विधानसभा क्षेत्र - खत्री व जयश्री फिर मैदान में

भाजपा - विष्णु खत्री

क्यों टिकट दिया - इस विधानसभा क्षेत्र में करीब 65 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति- जनजाति की है। यह सीट भी अनुसूचित जाति की है। वर्ष 2018 में विष्णु खत्री ने जयश्री हरिकिरण को 13779 मतों को हराया था। बीते पांच वर्षों में खत्री सक्रिय रहे। भाजपा ने उन पर फिर से भरोसा जताया।

कांग्रेस - जयश्री हरिकिरण

क्यों टिकट दिया- कांग्रेस नेता जयश्री हरिकरण अनुसूचित वर्ग से आती हैं। हारने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। क्षेत्र में सक्रियता बनाए रखी। लोगों के दुख-सुख में खड़ी रहती हैं। कांग्रेस के सर्वे में उनका नाम आया। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय की समर्थक हैं। कांग्रेस ने अनुसूचित जाति के मतों की संख्या का प्रतिशत होने से जयश्री पर भी विश्वास जताया है।

ये सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी होने हैं घोषित, इसलिए फंसा पेंच

दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में विधायक पीसी शर्मा को कांग्रेस टिकट देना चाह रही है। वहीं संजीव सक्सेना दावेदारी जता रहे हैं। हुजूर विधानसभा क्षेत्र में जितेंद्र डागा, नरेश ज्ञानचंदानी दावेदारी जता रहे हैं। गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में रवींद्र झूमरवाला, रामबाबू शर्मा, दीपक गुप्ता दावेदारी जता रहे हैं। उत्तर में पूर्व मंत्री आरिफ अकील के बेटे आतिफ अकील को टिकट देने की चर्चा हैं, लेकिन आरिफ अकील के भाई आमिर अकील सड़क पर उतरकर विरोध कर चुके हैं। ऐसे में शहर की इन विधानसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी घोषित नहीं कर सकी है। कांग्रेस आलाकमान एक-दो दिन में इन सीटों पर भी प्रत्याशियों का ऐलान कर सकता है। 

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