आंखों की रोशनी हो रही है धुंधली तो करें ये योग, मिलेगी राहत
हमारे शरीर में आंखें हैं, जो हमें प्रकृति की खूबसूरती का अनुभव कराती हैं। इसीलिए आंखों की ठीक तरह से ख्याल रखना चाहिए, नहीं तो नजर कमजोर होने लगती है। आज के समय में लोगों का स्क्रीन टाइम बढ़ने से आंखों की रोशनी पर गहरा असर पड़ा है। दिनभर लैपटाॅप या मोबाइल के इस्तेमाल से आंखों में दर्द, पानी निकलना, आंखे लाल होना या धुंधला दिखने लगता है। ज्यादा देर पढ़ने या ध्यान केंद्रित करने में सिर दर्द होने का भी एक कारण आंखें ही होती हैं। आंखों की रोशनी कम होने की दिक्कत से बचने के लिए इनका खास ख्याल रखें। इसका खयाल रखने के लिए आपकी मदद योगासन कर सकते हैं।
उष्ट्रासन
इसके अभ्यास से शरीर में लचीलापन, थकान से राहत और आंखों की रोशनी बेहतर बनती है। इसे करने के लिए सबसे पहले घुटनों के बल बैठकर सांस लेते हुए रीढ़ के निचले हिस्से को आगे की तरफ दबाव डालें। इस दौरान पूरा दबाव नाभि पर महसूस होना चाहिए। पीठ के पीछे की तरफ मोड़ते हुए झुकें और गर्दन को ढीला छोड़ दें। इस स्थिति में 30 से 60 सेकंड तक बने रहें।
हलासन
आंखों की रोशनी के लिए हलासन का अभ्यास फायदेमंद होता है। इस योग से वजन भी नियंत्रित रहता है। शरीर को मजबूती मिलती है। हलासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। सांस लेते हुए पैरों को ऊपर की तरफ उठाते हुए सिर के पीछे ले जाएं। अंगूठे से जमीन को स्पर्श करते हुए हाथों को जमीन पर सीधा रखें और कमर को जमीन पर सटाए रखें। इसी अवस्था में कुछ देर रहें और फिर सांस छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में वापस आएं।
चक्रासन
इस योग से कमर मजबूत होती है, आंखों की रोशनी बढ़ती है और वजन नियंत्रित रहता है। पाचन संबंधी विकारों से निजात पाने के लिए भी चक्रासन का अभ्यास लाभकारी है। चक्रासन के अभ्यास के लिए जमीन पर पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ें और एड़ी को जितना हो सके नितंब के पास लाएं। हाथों को उठाकर कानों के किनारे ले जाते हुए हथेलियों को जमीन पर टिकाएं। पैरों के साथ-साथ हथेलियों का उपयोग करके शरीर को ऊपर की ओर उठाएं। कंधे के समानांतर पैरों को खोलते हुए वजन के बराबर बांटते हुए शरीर को ऊपर की ओर खींचे। इस मुद्रा में 30 सेकंड तक रहें।
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