विकास का महायज्ञ चलता रहेगा - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह
मध्यप्रदेश को विकास में नंबर-एक बनाएंगे
भोपाल , 06 अक्टूबर | मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि मध्यप्रदेश के विकास की ऐसी राह निकाली गई है, जो इस बात के लिए प्रत्येक नागरिक को आश्वस्त कर सकती है कि मध्यप्रदेश विकास में नंबर-एक पर रहेगा। प्रदेश प्रगति की लंबी उड़ान भरेगा। आज प्रदेश के विभिन्न जिलों में 53 हजार 5 करोड़ से अधिक लागत के 14 हजार 375 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन हो रहा है, जो अपने आप में एक रिकार्ड है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रदेश के सभी नागरिकों को इतने व्यापक स्तर पर विकास कार्यों के शुभारंभ के अभूतपूर्व कार्यक्रम के लिए हृदय से बधाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार विकास के लिए आवश्यक वित्तीय साधन जुटाएगी। यह सरकार का कर्तव्य है। विकास का महायज्ञ चलता रहेगा। सिंचाई का क्षेत्र हो या बिजली उत्पादन का, स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाना हो या पेयजल, शिक्षा और जनकल्याण की योजनाओं का क्रियान्वयन हो, सभी कार्यों के लिए सरकार बजट की व्यवस्था करती रही है और आगे भी करेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आज रवींद्र सभागम में प्रदेशव्यापी विविध विकास कार्यों का वर्चुअल शिलान्यास और लोकार्पण कर रहे थे। उन्होंने जनप्रतिनिधियों सहित समस्त वरिष्ठ अधिकारियों और विभागों के अपर मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव को विकास के इस महायज्ञ में सक्रिय भागीदारी के लिए बधाई दी। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर इस कार्यक्रम के प्रसारण के अवसर पर मंत्रीमंडल के सदस्य, सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नगरों के महापौर, नगर पालिकाओं के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारी भी जुड़े। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रदेशवासियों को नई सिंचाई और सड़क योजनाओं के प्रारंभ होने पर बधाई दी।
भोपाल और पड़ोसी जिलों के लिए करीब साढ़े नौ हजार करोड़ लागत की 4 बड़ी परियोजनाएं स्वीकृत
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि आज राजधानी भोपाल से जुड़ी अनेक योजनाओं के लिए भी स्वीकृति दी। इनमें अयोध्या बायपास पर सिंधिया चौराहे से रत्नागिरि चौराहे तक सर्विस रोड सहित 6 लेन मार्ग बनेगा,जिसकी लंबाई 16 किलोमीटर होगी, शामिल है। इस निर्माण से भोपाल एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन तक मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इस कार्य की लागत 1050 करोड़ होगी। इसी तरह 140 किलोमीटर लंबाई के इंदौर रिंग रोड का निर्माण होगा, जिसकी लागत 6500 करोड़ रूपए होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने संदलपुर-भैरूंदा-बुधनी-बाड़ी जो दो राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ेगा, उसे 4 लेन में बदलने की स्वीकृति दी, इस कार्य की लागत 1525 करोड़ होगी, यह नर्मदा एक्सप्रेस-वे का हिस्सा होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग 146 के अंतर्गत भोपाल-विदिशा खंड में 42 किलोमीटर के 4 लेन मार्ग की स्वीकृति भी दी गई। इसकी लागत 1248 करोड़ होगी। आनंद नगर चौराहे के पास एलीवेटेड फ्लायओवर भी स्वीकृत किया गया।
पशुपतिनाथ लोक विकसित होगा, पांर्ढुना और मैहर जिलों का सृजन सम्पन्न
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस अवसर पर मंदसौर के पशुपतिनाथ लोक के लिए वर्चुअल भूमिपूजन किया। प्रदेश में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के विकास के अंतर्गत पशुपतिनाथ लोक श्रद्धालुओं और पर्यटकों के भ्रमण के लिए विकसित किया जाएगा। आज विकास योजनाओं की शुरूआत के अवसर पर दो नवीन जिलों पांढुर्ना और मैहर के सृजन का औपचारिक कार्यक्रम भी वर्चुअल रूप से संपन्न हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कार्यक्रम में अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान, भोपाल द्वारा प्रकाशित सुशासन और विकास प्रतिवेदन : 2023 का विमोचन किया। यह प्रतिवेदन गत 15 वर्ष में मध्य प्रदेश में डिजिटलीकरण और सुशासन के ठोस प्रयासों पर आधारित है। संस्थान के उपाध्यक्ष सचिन चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को प्रतिवेदन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इसमें विभिन्न विभागों की 9 केस स्टडी के उल्लेख सहित डिजिटलीकरण के फलस्वरूप सालाना करीब 63 हजार करोड़ के योगदान को रेखांकित किया गया है। सुशासन संबंधी अनेक सुझावों को भी इस वार्षिक प्रतिवेदन में शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास का ब्यौरा दिया
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने विभिन्न क्षेत्र में हुए कार्यों का विस्तार से विवरण दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि आज मध्यप्रदेश बीमारू नहीं बल्कि बेमिसाल राज्य बना है। प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया गया है। सात बार प्रदेश ने कृषि कर्मण अवार्ड जीता है। अटल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, विंध्य एक्सप्रेस-वे सहित अनेक हाई-वे निर्मित हो रहे हैं। प्रदेश में 20 वर्ष पूर्व सिर्फ 50-60 हजार किलोमीटर सड़कें थीं, लेकिन आज 5 लाख किलोमीटर लंबाई में सड़कें हैं। अनेक क्षेत्रों में कायाकल्प हुआ है। प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना में 44 लाख से अधिक मकान बन गए हैं। सिंचाई क्षमता 47 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है। मध्यप्रदेश कभी अंधेरों का प्रदेश था। ऊर्जा उत्पादन आज 29 हजार मेगावॉट तक पहुंच गया है। प्रदेश के 65 लाख से अधिक परिवारों तक शुद्ध नल से जल पहुंच रहा है। स्कूलों के क्षेत्र में क्रांति हुई है। एक समय था जब बच्चे फट्टा और झोला लेकर स्कूल जाया करते थे, पेड़ के नीचे स्कूल लगते थे। आज सीएम राइज विद्यालय बनाए जा रहे हैं, जिनकी लागत 40 से 50 करोड़ के बीच होती है। गरीब व्यक्ति के बेटा-बेटी भी बस सुविधा का लाभ लेकर इन स्कूलों में पहुंचते हैं। सीएम राइज विद्यालय में खेल मैदान, पुस्तकालय, प्रयोगशाला की सुविधाएं हैं। स्मार्ट क्लास में नई दिल्ली और मुम्बई के शिक्षक भी वर्चुअली शिक्षा देने का कार्य करते हैं। ग्लोबल स्किल पार्क 600 करोड़ की लागत से बना है। कभी सिर्फ 5 मेडिकल कॉलेज होते थे, अब 19 नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई और शीघ्र ही प्रदेश में 31 मेडिकल कॉलेज संचालित होंगे। हिंदी में शिक्षण को प्रोत्साहित किया गया है।
अनाज उत्पादन बढ़ा, अर्थव्यवस्था हुई गतिमान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2003-04 में प्रति व्यक्ति सालाना औसत आय सिर्फ 11 हजार रूपए थी, आज यह 1 लाख 40 हजार हो गई है। अर्थव्यवस्था गतिमान हुई है। सकल घरेलू उत्पादन लगभग 86 हजार करोड़ रूपए का था, आज यह 13 लाख करोड़ से भी अधिक हो गया है। बजट भी 23 हजार करोड़ से बढ़कर लगभग सवा तीन लाख करोड़ हो गया है। अनाज उत्पादन की बात करें तो जहां सिर्फ 159 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होता था अब 619 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होता है। मध्यप्रदेश में अन्न के भंडार भर दिए हैं। मध्यप्रदेश सबसे ज्यादा गेहूँ निर्यात करने वाला प्रांत बना है।
लाड़ली बहना योजना एक सामाजिक क्रांति
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि लाड़ली बहना योजना से महिलाओं का सम्मान बढ़ा है। लाड़ली बहना योजना सामाजिक क्रांति सिद्ध हुई है। प्रदेश में एक करोड़ 32 लाख बहनों के खातों में राशि अंतरित की जा रही है। लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ भी 46 लाख बेटियों को मिल रहा है। स्व-सहायता समूह के सदस्यों की संख्या 53 लाख है। विद्यार्थियों को लैपटॉप और स्कूटी जैसी सुविधाएं दी जा रही है। सीएम राइज विद्यालय शिक्षा के स्तर में सुधार ला रहे हैं। गरीब और किसान के बेटा बेटी भी आगे बढ़ेंगे। मध्य प्रदेश की धरती पर अनेक सामाजिक क्रांतियां हुई हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना, संबल योजना, जननी सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, आहार अनुदान योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना, किसान कल्याण योजना, कृषक कर्जमाफी योजना, मेधावी विद्यार्थी योजना, सीखो-कमाओ योजना, उद्यम क्रांति योजना, मुख्यमंत्री भू-आवासीय अधिकार योजना, स्ट्रीट वेण्डर्स कल्याण योजना, मुख्यमंत्री चरण पादुका योजना, देवारण्य योजनाएं किसी क्रांति से कम नहीं है। अब हमारे तीर्थ यात्री हवाई जहाज से भी यात्रा कर रहे हैं। पूर्व सरकार ने यह योजना बंद कर दी थी। प्रत्येक व्यक्ति की इच्छा होती है अपने जीवन में एक बार तीर्थ यात्रा करे। यह अद्भुत योजना है।
सामाजिक न्याय का अर्थ संसाधनों का लाभ गरीबों को मिले
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा लोगों की जिंदगी आसान बनाना है। अपना मध्य प्रदेश समृद्ध और विकसित मध्य प्रदेश है। इसमें सामाजिक न्याय हमें देना है। सामाजिक न्याय का अर्थ संसाधनों का लाभ गरीबों को मिलना है। कुछ लोग कहते हैं कि निर्धनों को मुफ्त राशन क्यों दिया जा रहा, लेकिन सामाजिक क्रांति का अर्थ यही है कि राज्य के संसाधनों से जो आय अर्जित होती है, उसका अंश ऐसे लोगों को दिया जाए जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत है। प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, सहरिया और भारिया की बहनों को आहार अनुदान योजना की राशि देना प्रारंभ की गई थी। इससे उनके परिवारों के बच्चों का पोषण ठीक हो गया। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना इसी सिद्धांत पर बनी ताकि बहनें परिवार की हालत ठीक कर सकें।
डेढ़ दर्जन विभागों के कार्यों की शुरूआत और हितग्राहियों से संवाद
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने लोक निर्माण, श्रम, विज्ञान प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, नगरीय विकास और आवास, जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, जनजातीय कार्य, पर्यटन, संस्कृति, सामाजिक न्याय, औद्योगिक नीति एवं निवेश विभाग अंतर्गत प्रारंभ किए जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी दी। आज जल संसाधन विभाग के अंतर्गत मंदसौर जिले की शामगढ़ सुवासरा सूक्ष्म सिंचाई परियोजना का लोकार्पण हुआ, जिसकी लागत 1662 करोड़ है। आज जिन कार्यों का भूमिपूजन हुआ उनमें देवास जिले में हाटपिपल्या लघु उद्ववहन सिंचाई परियोजना भी शामिल है, जिसकी लागत 3700 करोड़ रूपए है। जनप्रतिनिधियों द्वारा सिंचाई परियोजनाओं के प्रारंभ होने पर हर्ष व्यक्त किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने विभिन्न विकास कार्यों के एक साथ प्रारंभ किए जाने के अवसर पर प्रदेश के नागरिकों को बधाई दी और प्रदेश के विभिन्न जिलों के हितग्राहियों से संवाद भी किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सिंगरौली की अनुष्का शुक्ला, गुना की पूजा, कटनी जिले की कुमारी आस्था एवं अन्य हितग्राहियों और विद्यार्थियों से चर्चा की। अनेक नागरिकों ने पूर्व में सम्पन्न कार्यों से प्राप्त हो रहे लाभ पर प्रसन्न्ता व्यक्त की। नए प्रारंभ कार्यों के लिए विभिन्न जिलों में कार्यक्रम से जुड़े जनप्रतिनिधियों ने प्रसन्नता व्यक्त की।
प्रमुख कार्य एक नजर में
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आज कुल 2073 विकास कार्यों का भूमिपूजन किया, जिनकी लागत 45 हजार 46 करोड़ है। इसी तरह कुल 12 हजार 302 विकास कार्यों का लोकार्पण हुआ, जिनकी लागत 7 हजार 958 करोड़ रूपए है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सिंगल क्लिक के माध्यम से 1001 हितग्राहियों को 21 करोड़ 70 लाख रूपए के हितलाभ वितरित किए।
प्रमुख कार्यों की विभागवार जानकारी इस प्रकार है।
संस्कृति एवं पर्यटन : कुल 4 करोड़ 98 लाख रूपए की लागत से दो कार्यों का शुभारंभ किया गया। इसी तरह 123 करोड़ 16 लाख रूपए की लागत से 14 कार्यों का शिलान्यास किया गया। मंदसौर विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने अन्य जनप्रतिनिधियों और साधु-संतों के साथ कार्यक्रम में उपस्थित होकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा 25 करोड़ लागत से पशुपतिनाथ लोक के विकास के लिए की गई पहल के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने पूर्व में नीमच के निकट भादवा माता धार्मिक और पर्यटन स्थल के विकास को भी महत्वपूर्ण बताया। मंदसौर नगर पालिका की अध्यक्ष रमादेवी गुर्जर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के प्रति आभार व्यक्त किया।
नगरीय विकास : करीब ढाई हजार करोड़ के कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन सम्पन्न हुआ। प्रदेश के 43 जिलों में मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना चतुर्थ चरण, कायाकल्प और अन्य योजनाओं में 402 कार्यों के लिए भूमिपूजन और 22 कार्यों के लिए लोकार्पण किया गया। इनकी संयुक्त लागत 871 करोड़ रूपए है। प्रदेश के 10 निकायों में जल प्रदाय एवं सीवरेज के लिए 212 करोड़ रूपए की लागत से सम्पन्न कार्यों का लोकार्पण किया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत भोपाल नगर निगम क्षेत्र में 11 हजार आवासों का गृह प्रवेश हुआ। इन आवासों की लागत 423.50 करोड़ है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रदेश के 95 नगरीय निकायों में लीगेसी वेस्ट परियोजना के 279.82 करोड़ रूपए के कार्यों का भूमिपूजन किया गया। स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत जबलपुर नगर निगम में 44 करोड़ के 4 कार्य, ग्वालियर में 30 करोड़ के दो कार्य लोकार्पित किए गए। इसी तरहसागर स्मार्ट सिटी में 106 करोड़ लागत के 10 कार्य, उज्जैन में 198 करोड़ रूपए की लागत के 10 कार्य और सतना में 61 करोड़ रूपए की लागत के 5 कार्यों का लोकार्पण किया गया। भोपाल के नार्थ टी.टी. नगर-एबीडी एरिया में नवनिर्मित 364 जी टाइप सरकारी मकानों के प्रथम चरण का लोकार्पण भी सम्पन्न हुआ। इसी तरह भोपाल में स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत नार्थ टी.टी. नगर हाट बाजार में में एबीडी एरिया में निर्मित 407 दुकानों का लोकार्पण भी हुआ।
जल संसाधन : जल संसाधन विभाग के 23 जिलों में कुल 23 कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन सम्पन्न हुआ, इनकी लागत 13 हजार 477 करोड़ है।
नर्मदा घाटी विकास : नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत 7 कार्यों के लोकार्पण और 3 कार्यों के भूमिपूजन का कार्य हुआ। प्रदेश के खण्डवा, मंडला, सतना और कटनी जिलों में इन कार्यों की संयुक्त लागत 4859.41 करोड़ रूपए है।
विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग : भोपाल जिले के बड़वाई, गांधीनगर, आई.टी. पार्क परिसर में इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बिल्डिंग निर्माण का भूमिपूजन हुआ। इस कार्य की लागत 12.92 करोड़ रूपए है।
श्रम विभाग : श्रम विभाग के अंतर्गत ग्राम मुगालिया छाप, नीलबड़, खजूरी मार्ग में श्रमोदय आदर्श औद्योगिक प्रशिक्षणसंस्था आवासीय का लोकार्पण भी हुआ, इसकी लागत 16.53 करोड़ है।
सामाजिक न्याय और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग : प्रदेश के सतना, शिवपुरी, रतलाम जिलों में तीन जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों का लोकार्पण हुआ। ये केन्द्र 8 करोड़ 79 लाख रूपए की लागत से बने हैं। इसी तरह सागर में मानसिक रूप्से अविकसित बच्चों के लिए विशेष विद्यालय और छात्रावास भवन का लोकार्पण किया गया। इस विद्यालय और भवन की लागत 6.68 करोड़ है। सामाजिक न्याय विभाग के 5 विभाग द्वारा 5 जिलों बैतूल, सिंगरौली, उमरिया, सतना और सीधी में 15.95 करोड़ रूपए की लागत से 5 वृद्धाश्रम भवन निर्मित किए गए हैं। यह वृद्धाश्रम 50-50 सीटर हैं।
लोक निर्माण विभाग : लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत 17 जिलों में 60 विकास कार्यों का लोकार्पण किया गया। इनकी लागत 668.68 करोड़ रूपए है। इसी तरह 49 जिलों में 5586 करोड़ रूपए की लागत से पूर्ण होने वाले 330 विकास कार्यों के लिए भूमिपूजन की कार्यवाही सम्पन्न हुई। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी :- प्रदेश में विभिन्न जिलों में विभाग के 189 कार्यों का लोकार्पण और 838 कार्यों का भूमिपूजन हुआ, इनकी संयुक्त लागत 16193 करोड़ है।
ऊर्जा विभाग : प्रदेश में ऊर्जा विभाग के 15 कार्यों का लोकार्पण हुआ। इनकी लागत 606 करोड़ है। इसी तरह 74 कार्यों का भूमिपूजन भी हुआ, जिसकी लागत 522 करोड़ है।
स्कूल शिक्षा विभाग : प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के 25 कार्य लोकार्पित किए गए, इनकी लागत 38 करोड़ है। विभाग के 56 कार्यों के शिलान्यास का कार्य भी सम्पन्न हुआ, इनकी लागत 840 करोड़ रूपए है।
उच्च शिक्षा विभाग : उच्च शिक्षा विभाग के कुल 30 कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन हुआ। जिनकी लागत 150 करोड़ रूपए है।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग : विभाग के अंतर्गत 10 कार्यों के लिए भूमिपूजन किया गया,जिसकी लागत 284.82 करोड़ है।
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