क्या SP-कलेक्टर को भी नेता मानता है चुनाव आयोग!
भोपाल-इन दिनों सूबे में विधानसभा चुनाव का ज़ोर चल रहा है।इन चुनावो को निष्पक्ष कराने की ज़िम्मेदारी चुनाव आयोग पर है।आयोग अपने सैंकड़ों उल जलूल नियमो को लेकर इन दिनों सुर्ख़ियों में है।चुनाव आयोग ने प्रदेश के सरकारी कार्यालयो में चलने वाली “जनसुनवाई कार्यक्रम”पर रोक लगा दी है।जनसुनवाई के तहत जिला कलेक्टर-SP हर मंगलवार को आम जनता से रूबरू हो कर उनकी समस्याओं का निदान किया करते थे।परंतु फिर भी चुनाव आयोग के तुग़लकी फ़रमान ने इस जनहित के कार्यक्रम चुनाव अचार संहिता का हवाला दे कर को बंद कर दिया है।जनसुनवाई बंद होने पर आम जनता का कहना है की ऐसा लगता है मानो SP-कलेक्टरों को को भी आयोग नेता मानता है।तभी जनसुनवाई तक रुकवा दी गई है।वही पूरे मध्य प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में इन दिनों आम जनता के काम चुनाव का बहाना बना कर ठप्प कर दिये गए है।जिसमें सबसे ज़्यादा परेशान राजस्व विभाग से काम पड़ने वाले लोग है।जिनको अधिकारी चुनाव में व्यस्त होने का बोल कर टाल रहे है।
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