भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने किया महाराणा प्रताप स्मारक का भूमिपूजन, बोले- विकृत तरीके से पढ़ाया गया इतिहास



भोपाल। राजधानी में भव्य महाराणा प्रताप स्मारक की स्थापना की जाएगी। स्मार्ट सिटी क्षेत्र में करीब चार एकड़ एरिया में वीर पराक्रमी राजपूत शासक के नाम पर यह स्मारक विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने गुरुवार को टीटी नगर स्टेडियम रोड पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में महाराणा प्रताप स्मारक की आधारशिला रखी। इस अवसर पर  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि हमें इतिहास विकृत तरीके से पढ़ाया गया, अकबर महान हो गये। महाराणा प्रताप की जीवनी भी हमें ठीक ढंग से नहीं पढ़ाई गई। हम इतिहास बदल देंगे। जो सही है, वो आने वाली पीढ़ियों के सामने लाएंगे। सरकार का काम केवल पुल-पुलिया बनाना नहीं है, आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देना और सही ढंग से इतिहास पढ़ाना भी है।



भूमिपूजन कर लगा, मानो जीवन सार्थक हो गया -  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह


 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि चेतक पर चढ़ जिसने,भाले से दुश्मन संघारे थे। मातृभूमि के खातिर, जंगल में कई साल गुजारे थे।। झुके नहीं वो मुगलों से, अनुबंधों को ठुकरा डाला। मातृभूमि की भक्ति का एक नया प्रतिमान बना डाला।। ऐसे थे हमारे वीरता, शौर्य और पराक्रम के धनी वीर योद्धा महाराणा प्रताप। मेवाड़ की शान वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी के भव्‍य स्मारक का भूमिपूजन कर ऐसा लग रहा है... मानो जीवन सार्थक हो गया। मुगल जिनके नाम से कांपते थे, अकबर की सेना को जिन्‍होनें घुटनों पर ला दिया था, 72 किलो का कवच पहन कर और 80 किलों का भाला लिए दुश्‍मनों को चारों खाने चित करने वाले...वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम। महाराणा प्रताप जी भारत के मुकुटमणि हैं। उनका नाम लेते ही रोम-रोम पुलकित हो जाता है।



ऐसी होगी महाराणा प्रताप स्मारक की संरचना


महाराणा प्रताप का स्मारक और महाराणा प्रताप लोक की संरचना कुम्भलगढ़ दुर्ग से प्रेरित होगी। इसमें महाराणा प्रताप की भव्य प्रतिमा लगेगी। इसके साथ ही उनके जीवन चरित्र की भी प्रदर्शनी लगेगी। महाराणा प्रताप की 20 मिनट की फिल्म और उसके प्रदर्शन के लिए एक इंटरप्रिटेशन सेंटर भी बनेगा। मेवाड़ एवं महाराणा प्रताप जी के जीवन पर प्रदर्शित गैलरी बनेगी। लैंड स्केप एरिया में खुली गैलरियों के माध्यम से महाराणा प्रताप द्वारा वन में व्यतीत किए गए कालखंड का पूरा प्रदर्शन किया जाएगा। चितौड़ में महाराणा कुम्भा द्वारा बनाए गए विजय स्तम्भ की प्रतिकृति भी लगेगी। 2000 लोगों के बैठने के लिए एक आकाशीय मंच होगा, जहां महाराणा प्रताप जी के शौर्य, पराक्रम, त्याग और बलिदान पर आधारित लाइट एंड साउंड शो भी होगा। निकास मार्ग पर प्रमुख युद्धों के भित्ति-चित्रों की प्रदर्शनी होगी। त्रिडी कलाकृतियों का चित्रण होगा और आने-जाने वाले लोगों के लिएकैफेट एरिया और अन्य चीजे जो आवश्यक है वो बनाई जाएगी।


महाराजा छत्रसाल का भी बनेगा स्मारक


इसके साथ ही  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बुंदेला वीर महाराज छत्रसाल के समाधि स्थल छतरपुर के मउसहानिया में उनका एक भव्य स्मारक बनाने की घोषणा की। लाइट एंड साउंड शो भी वहां होगा। इसके साथ-साथ धुबेला में स्थापित वर्तमान संग्रहालय का सुसज्जीकरण भी किया जाएगा।


कार्यक्रम के दौरान प्रस्तावित महाराणा प्रताप स्मारक के स्वरूप को लेकर एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। इसके अलावा लोक कलाकार रामरत पांडेय ने अपनी संगीतमय प्रस्तुति के जरिए महाराणा प्रताप की शौर्य गाथा का वर्णन किया। टीटी नगर स्टेडियम के पास ही स्मार्ट सिटी के भूखंड पर यह महाराणा प्रताप स्मारक बनकर तैयार होगा।


कार्यक्रम के मंच पर  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा प्रदेश शासन के अनेक मंत्री मौजूद थे। इस कार्यक्रम में राजपूत समाज के अनेक प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।


महाराणा प्रताप जयंती पर की थी घोषणा


गौरतलब है कि इसी साल 22 मई को महाराणा प्रताप जयंती के मौके पर लाल परेड मैदान पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राजधानी में भव्य महाराणा प्रताप लोक बनाने की घोषणा की थी। इसके साथ-साथ सीएम ने यह भी कहा था कि मध्यप्रदेश के पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप जी की शूरता और वीरता की कहानियां पढ़ाई जाएंगी।

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