भाजपा के पक्ष में प्रदेश की सवा करोड़ लाड़ली बहने लिखेंगी जीत का इतिहास ,

 


भोपाल।लगभग 20 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी के मध्य प्रदेश में सत्ता के अंदर काबिज रहने के सबसे बड़े एवं ऐतिहासिक कारण की अगर व्याख्या की जाए तो महिला उत्थान एवं महिला सशक्तिकरण से जुड़ी संवेदनशील योजनाएं सबसे पहले सामने आती हैं। वर्ष 2006 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना एवं 2007 में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित एवं कई प्रदेशों में मध्य प्रदेश से प्रोत्साहित होकर लागू की गई लाड़ली लक्ष्मी योजना के बाद अब वर्ष 2023 में लाड़ली बहना योजना ने एक बार फिर से वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत का रास्ता खोल दिया है।



-सवा करोड़ से अधिक लाडली बहने लिखेंगी जीत की इबारत-


राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो पिछले तीन माह के अंतराल में जिस तरह से मध्य प्रदेश सरकार ने लाड़ली बहना योजना को लागू एवं क्रियान्वित किया है, इससे एक बार फिर भाजपा के खाते में ऐतिहासिक जीत दर्ज हो सकती है। योजना के अंतर्गत 3600 करोड़ से अधिक की राशि प्रतिमाह की दर से अभी तक मध्य प्रदेश की बहनों के अकाउंट में पहुंच चुकी है। चुनावी मतदाता के आंकड़ों का अनुमान लगाया जाए तो लाभ प्राप्त करने वाली 1.31 करोड़ महिलाओं का परिवार सीधे भाजपा से जुड़ चुका है। इस ऐतिहासिक मतदाता आंकड़े पर गौर करें तो ये संख्या लगभग 4 गुना तक हो सकती है। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को इस योजना का ऐतिहासिक रूप से लाभ प्राप्त होने का शत प्रतिशत अनुमान लगाया जा रहा है। राष्ट्रीय समाचार पत्रों की सुर्खियां एवं इस योजना का राष्ट्रीय चैनलों के द्वारा जिस तरह से विश्लेषण पिछले दिनों किया गया है उससे भी स्पष्ट होता है कि यह योजना मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने के लिए ऐतिहासिक कदम के रूप में सामने आ सकती है।


-2014 में लाड़ली लक्ष्मी से भाजपा को मिली थी ऐतिहासिक जीत-


वर्ष 2023 में एक तरफ जहां लाड़ली बहना योजना की सवा करोड़ हितग्राहियों का सीधा-सीधा प्रभाव भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में दिखाई दे रहा है वहीं दूसरी और अगर वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव की बातें करें तो प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा को 165 सीटें प्राप्त हुई थी। इस चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस के कई मजबूत किलों को भी ढहा दिया था। इस जीत के पीछे का इतिहास भी भाजपा को अनवरत रूप से प्राप्त होने वाले महिलाओं के वोट बैंक से जुड़ा माना जाता है। इस चुनाव में लाड़ली लक्ष्मी योजना का प्रभाव 170 विधानसभा सीटों पर स्पष्ट रूप से दिखाई दिया था। गौरतलब है कि वर्ष 2006 में लागू की गई मुख्यमंत्री कन्यादान योजना और 2007 में लॉन्च हुई लाड़ली लक्ष्मी योजना संपूर्ण मध्य प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में महिलाओं की सबसे अधिक पसंदीदा योजना के रूप में सामने आई थी। 


-उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश में जीत की तैयारी-


उत्तर प्रदेश में साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कुल मतदान का 20% से अधिक वर्ग ऐसा था जो सीधे-सीधे केंद्र सरकार की मुफ्त अनाज योजना से जुड़ा था। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश चुनाव में जीत का श्रेय दिलाने वाला यह वर्ग मध्य प्रदेश में भी बेहतर एवं कारगर सिद्ध होगा। केंद्र सरकार के निर्देश पर लगभग पिछले दो वर्षों से अधिक समय से प्रदेश के गरीबों को मुफ्त अनाज योजना का सीधा-सीधा लाभ प्राप्त हो रहा है, लाखों की संख्या में यह लाभार्थी वर्ग सीधे-सीधे भारतीय जनता पार्टी के मतदाता के रूप में जुड़ चुका है। निश्चित रूप से आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका असर भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में स्पष्ट दिखाई देता है ।


-महिला हितग्राही एवं गरीबों को प्राप्त राशन बदलेगा तस्वीर-


लाड़ली बहना योजना के बाद मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में महिलाएं एक बड़ी निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं। मध्य प्रदेश में पिछले 10 वर्षों का इतिहास में भाजपा के शासनकाल में महिला सशक्तिकरण की योजनाओं ने सीधा-सीधा असर उनके सामाजिक एवं व्यवहारिक जीवन पर डाला है, वहीं दूसरी ओर महामारी काल के बाद केंद्र सरकार की ऐतिहासिक एवं विश्व स्तर पर चर्चित एवं पुरस्कृत महत्वाकांक्षी योजना ‘मुफ्त राशन योजना’ ने गरीबों को सीधे-सीधे मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा लाभ देने की स्पष्ट तस्वीर सामने कर दी है । मध्य प्रदेश में 5 करोड़ से अधिक गरीबों को मुफ्त अनाज प्राप्त हो रहा है अर्थात इतना ही बड़ा समृद्ध परिवार भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में दिखाई देता है। वहीं दूसरी ओर लाड़ली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना एवं लाडली बहना योजना भी मध्य प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य को बदलने में भूमिका निभा सकती है। एक तरफ जहां महिला हितग्राही ऐतिहासिक क्रांति लिखने के लिए तैयार है वहीं दूसरी ओर डबल इंजन की सरकार की गरीबों के लिए मुफ्त राशन योजना भी राजनीतिक परिदृश्य को बदलने के लिए पर्याप्त दिखाई देती है ।।

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