जन्माष्टमी के मौके पर खाएं कृष्ण फल, डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद



जन्माष्टमी के मौके पर बच्चों एवं बूढ़ों समेत परिवार के सभी सदस्य व्रत करते हैं। लेकिन बूढ़ों और विशेष तौर पर डायबिटीज के रोगियों के लिए व्रत करना मुश्किल हो जाता है। फलाहार करने से कई बार ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का खतरा रहता है। ऐसे में हम आपको भगवान कृष्ण के नामवाले ही एक फल की खासियत बताने जा रहे हैं, जिसे व्रत के दौरान आराम से खाया जा सकता है। ये फल है कृष्ण फल, जो ना सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद होता है बल्कि डायबिटीज को कंट्रोल करने में भी अहम भूमिका निभाता है।


 मूल रूप से ब्राजील का फल है, लेकिन अब इसकी खेती कई देशों में की जाती है। भारत में इस फल का नाम भगवान कृष्ण के नाम पर कृष्ण फल रखा गया है। इसे मिनरल्स और विटामिन्स का भंडार माना जाता है। इसमें केले, पपीते, आम और अनानास जैसे फलों से भी ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके सेवन से सेहत को अनेकों फायदे मिलते हैं। आइये जानते हैं इस फल के फायदे -


डायबिटीज में लाभ

कृष्ण फल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है, इसलिए डायबिटीज के मरीजों को इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है। साथ ही इसके नियमित सेवन हाई ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करने में मदद मिलती है। व्रत के दौरान शुगर के मरीज भी इस फल को खा सकते हैं।


शरीर को पोषण

व्रत के दौरान सॉलिड फूड नहीं मिलने के कारण कमजोरी हो सकती है। लेकिन कृष्ण फल को खाने से शरीर को पर्याप्त पोषण मिलता है और शरीर में किसी तरह की कमी नहीं होती। इसके साथ ही कृष्ण फल के बीजों का सेवन करने से भूख को कंट्रोल करने में भी मदद मिल सकती है।


इम्यून सिस्टम को मजबूती

कृष्ण फल में मौजूद विटामिन सी, बीटा-क्रिप्टोक्सांथिन और अल्फा-कैरोटीन शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं। इसके सेवन से शरीर में खून की कमी भी नहीं होती है। इसलिए ये एनीमिया से भी बचाव करता है। बढ़ती उम्र की बच्चियों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है।


हड्डियों को ताकत

कृष्ण फल में आयरन, मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। इसलिए इस फल को खाने से हड्डियों की ताकत बढ़ती है और हड्डियां मजबूत होती हैं। इनसे हड्डियों को मजबूती मिलती है। बढ़ती उम्र के बच्चों और युवाओं के लिए इसका सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इसके सेवन से ऑस्टिोपोरोसिस का खतरा कम होता है।


दिल की सेहत

कृष्ण फल में मौजूद इलेक्ट्रोलाइट और पोटैशियम, दिल के स्वास्थ्य को दुरुस्त रखते हैं। इसके सेवन से दिल की बीमारियों का जोखिम कम होता है। कृष्ण फल में अल्कलॉइड और अन्य यौगिक मौजूद होते हैं, जो बैचेनी और अनिद्रा की समस्या को दूर करते हैं। इससे नींद अच्छी आती है और दिल की सेहत को लाभ पहुंचता है।


इसका रखें ध्यान

ध्यान रखें, कि फलों का काम, सिर्फ शरीर को अंदर से मजबूत करना और सेहतमंद रखना होता है। ये किसी दवा या डॉक्टर का विकल्प नहीं हैं। इसलिए हाई ब्लड शुगर के मामले में नियमित रूप से डॉक्टर से बात करते रहना चाहिए। साथ ही डायबिटीज के मरीजों को अपने डाइट में कोई भी बदलाव करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

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