आसानी से नहीं दिखते लो बीपी के लक्षण, जानलेवा हो सकती है जरा सी लापरवाही



 आजकल ब्लड प्रेशर की समस्या बहुत आम हो गई है। खास तौर पर हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। लेकिन अगर आपको लो ब्लड प्रेशर है, तो भी इसे हल्के में मत लें। ब्लड प्रेशर ज़्यादा कम होने पर हार्ट अटैक से लेकर ऑर्गन फेलियर जैसी खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो सकती है। दुनिया भर में बहुत संख्या में लोग लो ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित हैं। परेशानी की बात ये है कि अक्सर इसके लक्षणों के बारे में लोगों को पता नहीं चलता है और वो इसे शारीरिक कमजोरी या अन्य चीजों से जोड़ लेते हैं। आइये आपको इस बीमारी के लक्षणों और बचाव के उपाय के बारे में बताएं।


क्या होता है लो बीपी?


मेडिकल मापदंडों के अनुसार, किसी भी सामान्य व्यक्ति का ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg होना चाहिए। जब किसी भी इंसान का ब्लड प्रेशर 90/60 से नीचे चला जाता है, तो इस अवस्था को लो बीपी या हाइपोटेंशन कहते हैं। किसी को लो बीपी होने से कई कारण हो सकते हैं, जैसे - शरीर में पानी की कमी, दवाई का असर, सर्जरी या गंभीर चोट, आनुवंशिक या जेनेटिक समस्या, तनाव, ड्रग्स का सेवन, ज्यादा समय तक भूखा रहने या अनियमित खान-पान आदि।


लो बीपी के लक्षण


कम बीपी वाले मरीजों को अक्सर चक्कर, बेचैनी और सिरदर्द की शिकायत रहती है। इसके अलावा मितली होना या जी मिचलाना, बेहोशी, थकान या शरीर भारी लगना, आंखों के सामने अंधेरा छाना, धुंधला दिखाई देना, हाथ-पैर ठंडे होना, चेहरा सफेद पड़ना, सांस लेने में दिक्कत होना आदि भी इसके संकेत हैं। दरअसल ब्लड प्रेशर कम होने पर शरीर के दूसरे बॉडी पार्ट तक ठीक से ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसे में जब दिमाग में सही मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता, तो चक्कर आने लगता है।


क्या करें उपाय?


अगर लो बीपी की वजह से चक्कर आ रहा हो, तो मरीज को फौरन चीन और नमक मिला पानी पिलाएं। इसमें मौजूद सोडियम ब्रेन को एक्टिव रखता है और ब्लड फ्लो तेज करता है। वहीं चीनी से शरीर को फौरन एनर्जी मिलती है।

कम बीपी के मरीज को गर्म दूध या कॉफी पिलाएं। दूध के पोषक तत्वों से बीपी फौरन बढ़ता है। वहीं कॉफी में मौजूद कैफीन सेभी ब्लड फ्लो तेज होता है और ब्रेन सक्रिय हो जाता है।


-लो बीपी के मरीजों को दिनभर में कम से कम ८ ग्लास पानी या अन्य लिक्विड लेना चाहिए, जैसे - दूध, मट्ठा, जूस, लस्सी, आदि ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।


-ऐसे लोगों को अत्यधिक मानसिक या शारीरिक स्ट्रेस लेने से बचना चाहिए। साथ ही सिगरेट, शराब या अन्य किसी तरह के नशे का सेवन न करें।

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