तेजी से फैल रहा आइ फ्लू, ओपीडी में रोज पहुंच रहे पांच सौ से ज्‍यादा मरीज, जानिए कैसे करें बचाव



भोपाल। मानसून सीजन में डेंगू और फ्लू ही नहीं, आंखों में संक्रमण के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। राजधानी समेत प्रदेश में आंखों का संक्रमण या कंजक्टिवाइटिस के मरीज आ रहे हैं। डाक्टरों का कहना है कि यह बेहद संक्रामक है। लोगों को बचने के लिए ठीक तरह से साफ-सफाई का ध्यान रखने की जरुरत है। सरकारी और निजी, दोनों तरह के अस्पतालों और प्राइवेट क्लिनिक्स में आंख दिखाने आ रहे मरीजों की कतार लगी है। आंखें लाल होने से लेकर खुजली, पानी बहना और इरिटेशन जैसी समस्याएं हो रही हैं। कंजक्टिवाइटिस के मामले बढ़ने के पीछे बदला मौसम प्रमुख वजह है। डाक्टरों ने गर्मी और उमस के चलते वायरस में म्यूटेशन की संभावना भी जताई है। आमतौर पर कंजक्टिवाइटिस जैसा संक्रमण को ठीक होने में एक-दो हफ्ते लगते हैं।


स्वास्थ्य विभाग और एम्स भोपाल ने जारी किया अलर्ट


आखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इसके तहत अब विभाग ने लोगो को आखों के संक्रमण के लक्षण और बचाव की जानकारी दी है। एम्स भोपाल की एचओडी डा भावना शर्मा ने बताया की ओपीडी में संक्रमित की संख्या रोज बढ़ती जा रही है।


ओपीडी बुधवार


जेपी अस्‍पताल - 145

हमीदिया अस्‍पताल - 210

एम्स भोपाल - 165


क्या है कंजक्टिवाइटिस


कंजक्टिवाइटिस आंखों के संक्रमण की समस्या है। जिसे पिंक आइज की समस्या भी कहा जाता है। कंजंक्टिवा नाम की ट्रांसपैरेंट झिल्ली में इंफेक्शन या सूजन की समस्या है। एडेनोवायरस की वजह से यह इंफेक्शन सबसे ज्यादा होता है। ज्यादातर यह समस्या सामान्य इलाज से ही ठीक हो जाती है। इसके गंभीर होने का खतरा बहुत कम होता है। दरअसल, आंख सबसे ज्यादा संवेदनशील अंग है, लिहाजा इसकी ज्यादा देखभाल करने की जरूरत रहती है। एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस होने पर खुजली, आंखों से पानी आना और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।


ऐसे पहचानें आपको कंजक्टिवाइटिस तो नहीं


कंजक्टिवाइटिस के लक्षणों की आसानी से पहचान की जा सकती है। इसके कारण आपको एक या दोनों आंखों में लाली, खुजली होने, आंखों में किरकिरापन महसूस होने, एक या दोनों आंखों में स्राव की समस्या या प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता होने का खतरा अधिक होता है। अगर आपको कुछ समय से इस तरह की दिक्कतों का अनुभव हो रहा हे तो आपको तुरंत इलाज के लिए डॉक्टर से मिलना चाहिए।


कंजक्टिवाइटिस में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत


- प्रेग्नेंट महिला को भी ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत हैं।

- परिवार में किसी एक कोई समस्या हो तो उसे होम आइसोलेशन के प्रोटोकाल का पालन करना चाहिए।

- कांटेक्ट लेंस का प्रयोग करने वाले संक्रमण होने पर तुरंत लेंस उतार दें।

- डाक्टर की सलाह पर ही दवा, एंटीबायोटिक और कोल्ड कम्प्रेशन लें।


ये रखें सावधानियां


- अपनी आंखों को छूने से पहले हाथ आवश्यक रूप से धोयें।

- संक्रमित व्यक्ति अपना टॉवल, तकिया, आई ड्राप आदि उपयोग की गई वस्तुऐं घर के अन्य सदस्यों से अलग रखें।

- स्विमिंग पूल, तालाबों के प्रयोग से बचे।

- कांटेक्ट लेंस पहना बंद करें और अपने नेत्र चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही फिर इसे शुरू करें।

- आंखों के सौंदर्य प्रसाधनों का प्रयोग न करें।

- साफ हाथों से अपनी आंखों के आस-पास किसी भी तरह के स्त्राव को दिन में कई बार साफ गीले कपड़े से धोएं। उपयोग   किए गए कपड़े को गर्म पानी से धो लें।

- यदि आंखों में लालिमा हो तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र से परामर्श लें। डाक्टर के सलाह के बिना कोई भी ड्राप का उपयोग न करें।


इनका कहना है


ओपीडी में कंजंक्टिवाइटिस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी है। रोज 100 से 150 कंजंक्टिवाइटिस के मरीज आ रहे हैं। संक्रमितों को सलाह है कि डाक्टराें कि सलाह के बिना एंटीबायोटिक या अन्‍य दवाएं बिल्‍कुल भी उपयाेग नहीं करें। स्कूल जाने वाले बच्चों के स्वजनों को सलाह है कि संक्रमण दिखने पर उन्हें स्कूल ना भेजें।

- डा. भावना शर्मा, एचओडी, नेत्र विभाग एम्स


बारिश के सीजन में यह संक्रमण हर साल आता है। इस बार संक्रमितों की संख्या उम्मीद से काफी अधिक है। यही कारण है कि हर तरफ हमें संक्रमित मरीज दिखाई दे रहे हैं। संक्रमितों को बिना डाक्टर की सलाह के दवा बिलकुल भी नहीं लेना चाहिए। खास तौर से स्टेेरायड और एंटीबायोटिक दवाएं। इससे आंख की पुतली को नुकसान पहुंच सकता है, आंखों की रोशनी भी जा सकती है।

- डा. कविता सिंह, एचओडी, नेत्र विभाग, हमीदिया भाेपाल

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